आज से 150 साल पहले इस हिन्दू राजा ने सबसे पहले की थी बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक…
मगलवार को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके 350 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है।
इस हमले को दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक कहा जा रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से 160 साल पहले भी बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया जा चुका है लेकिन उस समय इतना बड़ा कदम एक शूरवीर हिन्दू राजा ने उठाया था जिसके बारे में आज हम आपको इस खबर में बताने वाले हैं।
आपको बता दें कि अभी तक जो बालाकोट आंतकी संगठन जैश ए मोहम्मद का बड़ा अड्डा बना हुआ वो आज से 160 साल पहले भी जिहादियों का गढ़ था।
इन जिहादियों के आतंक को देखते हुए महाराजा रणजीत सिंह ने उनपर हमला किया और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। आपको बता दें कि बालाकोट को उस समय जिहादियों का गढ़ माना जाता था और कोई भी इनसे भिड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था लेकिन महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी फ़ौज के साथ हमला किया और इनपर जीत भी हासिल की।
बता दें कि साल 1831 में सैयद अहमद शाह बरेलवी को मौत के घाट उतारकर महाराजा रणजीत सिंह ने पेशावर पर कब्जा कर लिया था। ये जिहादी 1824 से 1831 तक इस इलाके में सक्रिय रहे थे। इस बात का जिक्र पाकिस्तानी लेखिका आयशा जलाल की किताब ‘ पार्टिजंस ऑफ अल्लाह’ में भी मिलता है।
बता दें कि सैयद अहमद शाह बरेलवी भारत को एक इस्लामिक राज्य बनाना चाहता था जिसके लिए वो अपनी सेना तैयार कर रहा था लेकिन जब इस बात की भनक महाराजा रणजीत सिंह को लगी तो उन्होंने अपनी सेना को एकत्र करके बरेलवी पर हमला बोल दिया।
इस हमले में बरेलवी मारा गया और महाराजा रणजीत सिंह की विजय हुई। इसके बाद महाराजा ने पेशावर को अपने राज्य में जोड़ा था।
बता दें कि उस दौरान अंग्रेज़ों ने बरेलवी को पूरा समर्थन दिया हुआ था और यही वजह थी कि वो जिहादी गतिविधियों को अच्छी तरह से अंजाम दे पा रहा था लेकिन महाराजा के शौर्य ने बरेलवी का सफाया कर दिया।
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि आज भी बालाकोट में सैयद अहमद शाह बरेलवी और उसके साथियों की कब्रें मौजूद हैं।