
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3000 का आंकड़ा पार कर गई है। गुरुवार को 96 नए संक्रमित मरीज सामने आए। वहीं, 52 मरीज स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किए गए। अब सक्रिय मरीज 864 हो गए हैं। 29 की मौत हो चुकी है। 2235 स्वस्थ हो गए हैं। अब तक 3026 संक्रमित हो गए हैं। सीएमओ ने लोगों को मास्क का उपयोग व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने की अपील की है।

ये मिले संक्रमित
मोहन नगर रामबाग काॅलोनी में दास, रघुवीर पुरी में दंपती, राठी हाॅस्पिटल में एक, वरुण हार्ट सेंटर में एक, जीवन हाॅस्पिटल में एक, हरिदासपुर में दो, अतरौली के गांव बढ़ौली में दो, मलखान सिंह जिला अस्पताल में एक महिला कर्मी, राज नगर काॅलोनी में तीन, काली देह महेंद्र नगर में पुन: दो, शिवविहार सासनी गेट में दो, चंपा विहार क्वार्सी में दो, आवास विकाॅस काॅलोनी में सात, पावना इंडस्ट्री में पांच और, गांधी नगर में सात, अतरौली के श्रीराम नगर में तीन, छर्रा में तीन, गंगीरी में छह, आशना में तीन, सिकरवार खैर में दो लोग पाॅजिटिव निकले हैं। वहीं, चंद्रौला, सुजानपुर, मुरवर, रामपुर शाहपुर, सरोज नगर, चौधरी ढाबा के पास, वैष्णो बंकनेर, बन्ना देवी अर्बन पीएचसी, लोधी विहार सासनी गेट, कटरा, गंभीरपुरा चौक, आइटीएम जैल, जट्टारी में रामलीला ग्राउंड, लोधा के गांव फगोई, हरदुआगंज, मित्रनगर बन्नादेवी समेत कई इलाकों में संक्रमित मरीज पाए गए हैं।
मुख्यालय से ही कोरोना हाॅस्पिटल की मानीटरिंग: लेबल टू की सुविधा वाले अतरौली कोरोना अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल में कोई कोताही नहीं हो सकेगी। अस्पताल के कोविड वार्ड व परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है। जिन्हें सीधे मुख्यालय से जोड़ दिया गया है। अब सीएमओ से लेकर डीएम तक, संबंधित अधिकारी अपने मोबाइल पर ही अतरौली अस्पताल पर नजर रख सकेंगे।
डाॅ. रामबिहारी बने अतरौली हाॅस्पिटल के सीएमएस
जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डाॅ. रामबिहारी को अतरौली 100 बेड हाॅस्पिटल का सीएमएस नियुक्त कर दिया गया है। पिछले कई दिनों से उनकी नियुक्ति को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। बुधवार को इस संबंध में मुख्यालय से दिशा-निर्देश भी मिल गए।
कोरोना का इलाज शुरू
कोरोना अस्पतालों में मरीजों का इलाज फाइलेरिया की दवा आइवरमेक्टिन से शुरू हो गया है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से बचाव के लिए लोगों को आइवरमेक्टिन टेबलेट की डोज लेने की सलाह दे दी है। सीएमओ डाॅ. भानू प्रताप सिंह कल्याणी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमण को लेकर आशंकित है तो वह पहले, तीसरे व सातवें दिन आइवरमेक्टिन टेबलेट 12 मिलीग्राम का सेवन कर सकते हैं। इसके बाद हर माह एक टेबलेट लें। तीन साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए आइवरमेक्टिन छह एमजी की सलाद है। दो साल से छोटे बच्चों व गर्भवतियों को यह दवा नहीं खानी है। इस दवा से पेट के कीड़े का इलाज भी होता है। कोरोना मरीजों पर यह दवा असरदायक साबित हो रही है। इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं।