जब एसएसपी राजेश पांडेय को बनाया गया APRIL FOOL
मैं उस समय लखनऊ में एसपी सिटी हुआ करता था। दोपहर में वायरलेस पर एक मैसेज आया कि टाइगर महोदय हुसैनगंज चौराहा पर कई राउंउ फायरिंग हुई है।
मैसेज गंभीर अपराध का था तो सभी काम छोड़कर तुरंत मौके पर पहुंचा। गर्मी का मौसम था, ऊपर हुसैनगंज जैसे मुख्य चौराहे पर फायरिंग। पसीना पोंछते गाड़ी से उतरा।
वहां पहुंचे तो देखा कि सीओ हजरतगंज, इंस्पेक्टर भी पूरे दल बल के संग मौजूद थे। मौके पर पहुंचकर जब घटना की जानकारी पूछी तो सभी मुझे देखते ही मुस्कराने लगे।
मैं समझ गया कि मुझे अप्रैल फूल बनाया गया है। इसके साथ ही अधीनस्थों ने मेरे हाथ में एक गुलदस्ता थमाते हुए अप्रैल फूल बोलना शुरू कर दिया।
हां, मेरा मूड ज्यादा गर्म न हो जाए। इसे ठंडा करने के लिए लस्सी का ऑर्डर पहले ही करके रखा गया था। लस्सी पी और मुस्कराते हुए वापस आ गया। यह वाकया आज तक याद है। वैसे तो मेरे बच्चे हर साल मुझे अप्रैल फूल जरूर बनाते हैं।