लखनऊ में दिल दहलाने वाली घटना: कपड़ा कारोबारी ने पत्नी और बेटी संग की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

लखनऊ के चौक कोतवाली क्षेत्र के अशरफाबाद में 29 जून की रात एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। कपड़ा कारोबारी शोभित रस्तोगी (48), उनकी पत्नी सुचिता रस्तोगी (45), और उनकी 16 वर्षीय बेटी ख्याति रस्तोगी ने कथित तौर पर जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली।

सोमवार, 30 जून की सुबह उनके फ्लैट में तीनों के शव मिले, जिनके मुंह से झाग निकल रहा था। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें कर्ज और आर्थिक तंगी को आत्महत्या का कारण बताया गया है। इस घटना ने परिवार और आसपास के लोगों में सनसनी फैला दी, और घर में चीख-पुकार मच गई।

घटना लखनऊ के नक्खास इलाके में अशरफाबाद स्थित एक फ्लैट में हुई। शोभित रस्तोगी राजाजीपुरम में कपड़े की दुकान चलाते थे और मध्यमवर्गीय परिवार से थे। पुलिस के अनुसार, रविवार रात को शोभित, उनकी पत्नी सुचिता, और बेटी ख्याति ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की। सोमवार सुबह, जब परिवार के लोग और पड़ोसी देर तक कोई हलचल न होने पर फ्लैट में पहुंचे, तो तीनों के शव देखकर दंग रह गए। पड़ोसी सुरेश वर्मा ने बताया, “हमने कभी नहीं सोचा था कि इतना शांत परिवार ऐसा कदम उठाएगा। दोपहर से घर में कोई हलचल नहीं थी, और शाम को दरवाजा नहीं खुलने पर हमें शक हुआ।”

मौके पर मिले सुसाइड नोट में शोभित ने लिखा, “लोन भरना है, पैसे खत्म हैं…” और कर्ज से परेशान होने के कारण यह कदम उठाने की बात कही। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, लेकिन सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।

पुलिस और फोरेंसिक जांच

सूचना मिलते ही चौक कोतवाली पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए, जिसमें जहरीले पदार्थ की शीशी और सुसाइड नोट शामिल हैं। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्रारंभिक जांच शुरू की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई बाहरी दबाव या अन्य कारण इस आत्महत्या के पीछे था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि शोभित पर कितना कर्ज था और किन बैंकों या साहूकारों से उन्होंने लोन लिया था।

आर्थिक तंगी और कर्ज का दबाव

जांच में सामने आया कि शोभित पिछले कुछ महीनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उनकी कपड़े की दुकान कोविड-19 महामारी के बाद से घाटे में चल रही थी, और बैंक लोन का बोझ लगातार बढ़ रहा था। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि शोभित ने हाल ही में अपनी आर्थिक समस्याओं का जिक्र किया था, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेंगे। एक अन्य पड़ोसी ने बताया, “पिछले कुछ हफ्तों से शोभित तनाव में दिख रहे थे। उनकी दुकान पर ग्राहक भी कम आ रहे थे।”

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

लखनऊ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस उपायुक्त ने कहा, “हम सुसाइड नोट और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर मामले की तह तक जाएँगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी तरह का बाहरी दबाव हो तो उसकी जाँच हो।” प्रशासन ने परिवार के रिश्तेदारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

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