यूपी के यह दो गांव बनेंगे देश के पहले स्मार्ट विलेज
लखनऊ। देश विदेश में अपनी तहजीब और नजाकत के लिए प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नाम बहुत जल्द एक नया रिकार्ड बनने जा रहा है। यहां के दो गांव काकोरी का लतीफपुर और माल के दशहरी गांव को उत्तर प्रदेश सरकार ने आई स्पर्श योजना के लिए चुना है। योजना में शामिल होने से जल्दी ही दोनों गांव देश के पहले स्मार्ट और डिजीटल गांव होने का गौरव हासिल कर लेंगे।
आई स्पर्श योजना से दोनों गांवों का होगा विकास
दोनों गांवों को आधुनिक तौर पर विकसित किया जाएगा। इन गांवो में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर मूलभूत ढांचे का विकास कर हाईटेक किया जाएगा। दोनों गांवों में रोजगार के नए संसाधनों को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा चुके है।
सुर्खियों में आने के बाद सरकार ने लिया फैसला
काकोरी के लतीफपुर गांव को पेपरलेश बनाने की मुहिम ग्राम प्रधान श्वेता सिंह ने शुरू की थी। श्वेता सिंह ने गांव में जनता की शिकायतों से लेकर राशन कार्ड तक सब में तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।गांव का ‘डिजिटल लतीफपुर’ नाम से अपना वाट्सएप ग्रुप भी है जिस पर आयी शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली श्वेता की शादी लतीफपुर में हुई है। वह कम्प्यूटर शिक्षा में एमसीए हैं। श्वेता सिंह ने गांव की ग्राम प्रधान चुने जाने के बाद गांव को देश का पहला स्मार्ट और डिजीटल गांव बनाने का बीड़ा उठाया और गांव की मुश्किलों से निपटने के लिए श्वेता ने www.digitallatifpur.com नाम से वेबसाइट शुरू की है। इस पर गांव की जानकारियां, मसलन-पेंशन, प्रमाणपत्र, आबादी और सरकारी योजनाओं का पूरा ब्योरा है। श्वेता ने गांव के विकास के लिए पांच साल का कारपोरेट प्लान बनाया है।
लतीफपुर को विकसित गांव बनाने के श्वेता के प्रयास और गतिविधियां मीडिया की सुर्खियां बनी थीं। गांव को डिजीटल बनाने की सुर्खियों का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री की प्रमुख सचिव अनीता सिंह ने लतीफपुर और माल के दशहरी गांव को मुख्यमंत्री अखिलेश की महत्वकांक्षी योजना आई स्पर्श योजना में शामिल करने का आदेश दिया। सरकार द्वारा दोनों गांवों को आई स्पर्श योजना में शामिल करने की जानकारी मिलते ही समन्वय विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर को इसकी कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। लखनऊ के मुख्य विकास अधिकारी ने बुधवार को 32 विभागों को तीन दिन के भीतर स्पष्ट कार्य योजना बनाकर तीन दिन के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
ग्राम प्रधान श्वेता ने सरकार का जताया आभार
शासन के आदेश की प्रतिलिपि लतीफपुर की ग्राम प्रधान श्वेता को मिलते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गयी। श्वेता ने बताया कि, हमने गांव के विकास से सम्बंधित विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही शासन को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गांव के समग्र विकास मे 15 करोड़ का खर्च अनुमानित है। श्वेता ने गांव को आई स्पर्श योजना में शामिल करने के लिए सरकार का आभार जताया।
पर्यटन के रूप में विकसित होगा दशहरी
दशहरी गांव के ग्राम प्रधान मनोज यादव ने सरकार के फैसले पर खुशी जताती है। उन्होंने कहा कि अब दशहरी गांव देश व विदेश में पर्यटन के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी गांव पहुंचने के लिए हरदोई रोड से करीब दो-ढाई किलो मीटर अंदर जाना पड़ता है। लेकिन अगर रायपुर पुलिया से बुद्धेश्वर चौराहे तक जाने वाले मार्ग (1150 मीटर) को दुरुस्त कर दिया जाए तो गांव सीधे पहुंचा जा सकेगा। इसी प्रकार रायपुर चौराहे से जाने वाले एक और मार्ग (1600) जो सीधे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ता है पर पक्की सड़क बना दी जाए तो पर्यटक आसानी से दशहरी गांव तक पहुंच सकेंगे।
लतीफपुर और दशहरी में होंगे यह विकासकार्य
गाँवों में तालाबों का निर्माण कराया जाएगा। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा, ताकि बरसात गुज़र जाने के बाद भी किसानों को पानी के लिए न तरसना पड़े।
गाँव में बनने वाले तालाबों के किनारों पर गोमती की तर्ज़ पर डायफ्राम वाल बनाकर हरित पट्टी विकसित की जायेगी। इस हरित पट्टी पर पर्यटकों के लिए बेंच का इंतजाम किया जाएगा। इन तालाबों तक पानी पहुंचाने के लिए भूमिगत नालियों का निर्माण कराया जाएगा।
गाँव को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा। इस गाँव से जुड़ने वाले दूसरे गाँव भी पक्की सड़कों से जुड़ेंगे। गाँव के सभी भीतरी रास्तों पर खडंजा बिछाया जाएगा। गाँव में लगे पुराने हैण्डपम्पों की रिपेयर होगी और जहाँ ज़रुरत होगी नए हैंडपंप लगेंगे। इसके अलावा सार्वजनिक और सरकारी स्थलों पर सोलर से चलने वाले आरओ लगाए जायेंगे।
स्मार्ट गाँव के स्कूलों की मरम्मत और रंगाई-पुताई का काम होगा। स्कूल के रास्तों को बेहतर बनाया जाएगा। स्कूलों में शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। स्कूलों में पानी के लिए आरओ और अच्छे माहौल के लिए वृक्षारोपण कराया जाएगा। स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर की व्यवस्था होगी।
गाँव के स्कूल भी स्मार्ट होंगे और यहाँ डिज़िटल लर्निंग की व्यवस्था की जायेगी। स्कूलों में बच्चों के लिए झूलों और खेलने का इंतजाम होगा।