मेरठ: अब आम के साथ होगी अनार की खेती

मेरठ| महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर होने वाली अनार की खेती अब अपने क्षेत्र में आम के साथ की जाएगी। कृषि विश्वविद्यालय में बाहर से लाई गईं अनार की आठ प्रजातियों पर शोध चल रहा है। इन्हें यहां के वातावरण के अनुकूल तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इनकी खेती शुरू की जाएगी।

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हॉर्टीकल्चर विभाग द्वारा अभी तक किए गए शोध कार्य से जो रिजल्ट सामने आए हैं, वह यहां के मौसम के अनुसार अच्छा है। वैज्ञानिकों ने विवि के ओल्ड कैंपस में अनार की पौध तैयार की है।

अनार की खेती पर चल रहा है शोध

आम पर पड़ रही मौसम की मार को देखते हुए वैज्ञानिक  अनार की खेती को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ साल से शोध कर रहे हैं। सबसेे ज्यादा फोकस मौसम के अनुसार पौध को तैयार करने पर है। क्योंकि यूपी में पिछले तीन वर्षों से बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और सूखे से मौसम में काफी बदलाव दिख रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर आम की फसल पर दिखाई दे रहा है। आम की अपेक्षा अनार की फसल किसान के लिए सबसे अच्छी है। अनार पर मौसम की मार का कम असर होता है।

ये हैं प्रमुख प्रजाति

अनार की आठ प्रमुख प्रजातियों में मृदुला, गणेश, अरक्ता, मस्केटरेड, जालोन सीडलेस, फूले रक्ता, भगवा, जीवन 37 प्रजातियां नेशनल रिसर्च सेंटर पुणे, सेंट्रल एरिड रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर, गोविंद वल्लभ पंत पंतनगर, उत्तराखंड से लाई गई हैं।

प्रस्तुति- अक्षय कुमार

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