यूपी में मानसून की दस्तक, 30 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, नदियों का जलस्तर बढ़ा

उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया है। रविवार (29 जून) को कई जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई, और सोमवार (30 जून) को भी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 30 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

मानसून की ट्रफ लाइन मध्य यूपी की ओर खिसकने से बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं, जिससे तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। यह बारिश गर्मी से राहत तो दे रही है, लेकिन नदियों के बढ़ते जलस्तर और जलभराव ने कई क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है।

भारी बारिश का अलर्ट
IMD के अनुसार, 30 जून से 1 जुलाई तक राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। सात जिलों—बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली, बिजनौर, और रामपुर—में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, गोंडा, श्रावस्ती, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, संभल, और बदायूं में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। रविवार को फर्रुखाबाद में सबसे अधिक 90 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि देवरिया, बागपत, और संभल को छोड़कर पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

आकाशीय बिजली और मेघगर्जन की चेतावनी
लगभग 65 जिलों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली, और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। इनमें प्रतापगढ़, मिर्जापुर, भदोही, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, और औरैया शामिल हैं। मौसम विभाग ने लोगों से खुले मैदानों में काम करने से बचने और बिजली गिरने के दौरान पेड़ों के नीचे शरण न लेने की सलाह दी है।

नदियों का बढ़ता जलस्तर और बाढ़ का खतरा
मानसून की सक्रियता के साथ-साथ नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण अवध क्षेत्र में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गोंडा के करनैलगंज क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर 37 सेंटीमीटर बढ़ गया है और यह खतरे के निशान से मात्र 1.5 मीटर नीचे है। अंबेडकरनगर के कम्हरिया क्षेत्र में सरयू नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है, और कटान शुरू हो गया है।

बहराइच के जानकी नगर गांव में पिछले तीन दिनों में सरयू नदी की धारा में 11 पक्के मकान बह गए हैं। सीतापुर में सरयू और शारदा नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। यूपी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला मजिस्ट्रेटों को बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में बचाव और राहत टीमें तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।

कृषि और बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
मानसून की बारिश ने किसानों को राहत दी है, क्योंकि सूखे के कारण गन्ना और धान की फसलें मुरझाने लगी थीं। हालांकि, भारी बारिश के कारण मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, और रामपुर जैसे जिलों में जलभराव की समस्या हो रही है, जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है। लखनऊ, कानपुर, और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों में नगर निगम ने शहरी बाढ़ से निपटने के लिए नालों की सफाई और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय कर दी हैं। IMD ने किसानों को सलाह दी है कि वे धान की नर्सरी बोने को स्थगित करें और फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान
लखनऊ के आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मानसून की उत्तरी सीमा अब बलिया और सोनभद्र से होते हुए बाड़मेर, जयपुर, और ग्वालियर तक पहुंच चुकी है। एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बन रहा है, जो अगले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ सकता है, जिससे बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी। 1 और 2 जुलाई को भी पूर्वी और पश्चिमी यूपी में भारी बारिश, मेघगर्जन, और तूफान की संभावना है।

सावधानियां और सलाह
IMD ने तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा), बिजली गिरने, और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और संचार लाइनों में अस्थायी व्यवधान की चेतावनी दी है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे बिजली गिरने के दौरान घर के अंदर रहें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करें, और खुले खेतों में काम करने से बचें। यात्रियों को यात्रा से पहले स्थानीय मौसम अपडेट जांचने की सलाह दी गई है।

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