हिंदी संस्थान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही ये बात…

Report – Awanish kumar

लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के हिंदी संस्थान में नाथ संप्रदाय की महत्ता पर प्रकाश डाला। हिंदी भवन के यशपाल सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने युग प्रवर्तक महायोगी गोरखनाथ पर केंद्रित तीन दिवसीय संगोष्ठी के पहले दिन अपने विचार रखे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं पिछले 25 वर्ष से इस परंपरा से जुड़ा हूं। जब हम ऐसे महापुरुष के बारे में सोचते हैं। ऐसे में एक ओर सम्प्रदाय और आस्था का विषय होता है। दूसरा इतिहास और साहित्य का होता है।

दोनों का समन्वय कभी होता है तो कभी नहीं हो पाता है। इस विषय में देश को जानने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोरखनाथ ही नाथ सम्प्रदाय के प्रवर्तक थे। वह शिव स्वरूप माने गए हैं।

गुरु गोरखनाथ की मान्यता भारत के साथ पाकिस्तान, भूटान, नेपाल और म्यांमार में है। वह वहां की कई लोकगाथाओं में विद्यमान हैं। उनकी उपस्थिति इतिहास और साहित्य की दृष्टि में अलग-अलग कालखंड में है।

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भारत मे कोई प्रांत ऐसा नहीं, जहां गोरखनाथ जी की स्वीकारोक्ति ना हो। त्रिपुरा में 35 प्रतिशत आबादी गोरखनाथ की अनुयायी है। असम की 15 प्रतिशत आबादी गोरखनाथ की अनुयायी है। पूरे देश में नाथ परंपरा के मंदिर मठ और संत-अनुयायी मौजूद हैं।

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