सिपाही ने बड़े शातिराना अदांज से दिया चोरी को अंजाम, जानें पूरा मामला

रिपोर्टर — शिवा शर्मा

लखनऊ – लखनऊ में पुलिस द्वारा गिरोह बनाकर डकैती का मामला सामने आया है डकैती वो भी 40 लाख की जिसे लखनऊ पुलिस में तैनात सिपाही ने बड़े ही शातिराना तरीके से अंजाम दिया और भारी-भरकम रकम को लूट कर फरार हो गए।

लखनऊ एसएसपी की एंटी डकैती सेल में तैनात इस शख्श का नाम विशाल सिंह है जो की डकैतीकाण्ड के गिरोह का असली चेहरा है। आप को ये जानकार हैरानी हो जायेगी की डकैती की अनसुलझी वारदातों को और पेशेवर डकैतों को पकड़ने के लिए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इसका गठन किया था लेकिन पुलिसकर्मी ही अगर डकैती की वारदात में एहम कड़ी बन जाये तो फिर खाकी से भरोसा उठना लाज़मी है।

बीते 30 नवम्बर को लखनऊ के ही चिनहट स्तिथ BBD इलाके के पास देर शाम बन्दूक की नोक पर कानपुर निवासी कार सवार महिला महिला से 40 लाख लूट लिए गए। घटना को पुलिस के अफसरों ने उस वक्त दबाये रखा और पूछने पर बताया कि ये कोई लूट का मामला नहीं बल्कि लेन-देंन में जालसाज़ी का मामला है। अफसरों के इशारे पर चिनहट कोतवाली में जालसाज़ी की ही एफआईआर दर्ज कराई गयी।

लेकिन घटना का खुलासा करते हुए जब चिनहट पुलिस ने 4 लोगो को गिरफ्तार करते हुए 18 लाख 88 की रकम बरामदगी में दिखाई तो एंटी डकैती सेल में तैनात विशाल सिंह का नाम प्रकाश में आया गिरफ्तार किये गए मास्टरमइंड राजेंद्र मौर्या ,गुड्डू उर्फ़ सच्चिददानंद वर्मा ,मुकेश मौर्या और रवि लोचन उर्फ़ अमित उर्फ़ सौरभ ने सिपाही विशाल सिंह का नाम कबूला लेकिन पुलिस ने भी इस मामले को उस वक्त तक दबाये रखा और गुपचुप तरीके से चारो आरोपियों को जेल भेज दिया।

सोशल मीडिया पर अपने ही विभाग पर ठोस कदम और लाइन हाज़िर व सस्पेंशन जैसी कार्यवाई करने वाले कप्तान ने भी गुपचुप तरीके से पूरी एंटी डकैती सेल को लाइन हाज़िर कर दिया और किसी को कानो कान खबर भी न लगने दी और न ही कार्यवाई का ढोल बजाया। ठीक दो दिन बाद यानी कल चिनहट पुलिस ने मुख्य आरोपित विशाल सिंह को गिरफ्तार करते हुए 25 हज़ार की बरामदगी दिखाई। फिलहाल इस केस में गौरव और सूर्य प्रताप सिंह उर्फ़ सूर्या पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

बताया जा रहा है की महिला रुपये को दो-गुना कराने की लालच में सुइटकेस में रकम का बंदोबस्त कर के लायी थी लेकिन बदमाशों में वेश में घात लगाए लोगो ने पूरी रकम को ही लूट लिया। पुलिस का कहना है कि मामला जालसाज़ी की ही धाराओं में दर्ज है ऐसे में विवेचना के बाद घटना का खुलासा हुआ जिसमे इस नेसिक्स में लखनऊ पुलिस का भी कर्मी सामने आया है ।

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ऐसा पहली बार नहीं है कि लखनऊ में तैनात पुलिसकर्मी डकैती की ऐसी घटना में शामिल हो इससे पहले भी गोसाईगंज इलाके में ठेकेदार से क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मी और गोसाईगंज थाने में तैनात दो दरोगाओं ने वकीलों के साथ मिलकर करीब एक करोड़ के रकम की डकैती की वारदात को अंजाम देकर फरार हुए थे लेकिन सुर्खियों में आने के बाद सभी पुलिसकर्मियो को एक के बाद एक गिरफ्तार कर जेल भेजा गया लेकिन वारदात के बात लखनऊ पुलिस की विश्वाशियनिता पर सवाल खड़े हुए थे।

और आज फिर वो दौर है जहा लखनऊ पुलिस फिर से सवालो के कटघरे में है और साथ उनके पुलिस अफसर भी जो मीडिया के सवालो पर गोल-मोल जवाब देते हुए वारदात को दबाते रहे।

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