जानें क्या है यह रथ सप्तमी और क्यों है इतनी महत्वपूर्ण

नई दिल्ली।  इस महीने को हिंदी में माघ महीना कहा जाता है। इस सप्तमी को अचला सप्तमी और मानु सप्तमीि के नाम से कहा जाता है। इस बार यह त्योहार महीने की शुरुआत में ही मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार आज के दिन नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि अगर आप इस दिन गंगा में स्नान करते हैं तो आपके सभी पाप धुल जाते हैं।

रथ सप्तमी

कई नामों से किया है अभिहित
पुराणों के अनुसार, प्राणिमात्र की जीवन शक्ति को जीवित रखने वाले सूर्य देव ने मन्वंतर के आदि में इसी दिन अपना प्रकाश प्रकाशित किया था। इस कारण इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है। इस दिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना के निमित्त कई प्रकार के धार्मिक कृत्यादि का आयोजन किया जाता है। इसीलिए इसे अर्क सप्तमी, अचला सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी आदि कई नामों से अभिहित किया जाता है।

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आयु व संपत्ति की होती है प्राप्ति
माघी सप्तमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान सूर्य का पूजन करती हैं। ऐसा विश्वास है कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं को सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सबसे पहले प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प करें और विधि विधान से सूर्य देव का पूजन और अर्चन करना चाहिए। इस मौके पर स्नान और अर्घ्यदान करने से आयु, आरोग्य व संपत्ति की प्राप्ति‍ होती है।

 

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