मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिंसा के क्षेत्र से आई ये नेता भी होंगी शामिल, पहले किया था इनकार

हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में 36 का आंकड़ा देखने को मिला. कई बार ऐसी स्थिति बनी कि जब दोनों दलों के दिग्गज नेताओं के बीच काफी तनावपूर्ण बयान देखने-सुनने को मिले और लगा कि दोनों पार्टियों के नेताओं में रिश्ते सामान्य होने में काफी वक्त लग जाएगा. लेकिन चुनावी तनाव को दरकिनार करते हुए ममता बनर्जी 30 मई को नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के तौर पर दोबारा शपथ लेने के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी और इसके लिए वह 29 मई को दिल्ली पहुंच जाएंगी.

ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ घमासान के बावजूद 22 सीटें जीतने में ही कामयाब हो पाई. बीजेपी को 18 और कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं. बीजेपी की इस जीत में मुकुल रॉय और बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की बड़ी भूमिका मानी गई. इस चुनाव में बीजेपी के लिए जबरदस्त नतीजे पश्चिम बंगाल से आए जहां उसने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के पसीने छुड़ा दिए. आठ साल से सत्तारूढ़ तृणमूल को अमित शाह के नेतृत्व वाली बीजेपी ने सबसे बड़ा उलटफेर दिखाया.

तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में जबर्दस्त फाइट के चलते ही लोकसभा चुनाव के दौरान हिंसा के साथ दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिली. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि ममता दीदी उनके लिए मिठाई भेजती हैं वहीं ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि इस चुनाव में बंगाल उन्हें कंकड़ की मिठाई भेजेगा. यही नहीं, ममता ने नरेंद्र मोदी को पीएम मानने से भी इनकार कर दिया था. फिलहाल, ममता बनर्जी ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रजामंदी दिखाकर इस स्थिति को सामान्य करने का काम किया है.

मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिंसा के क्षेत्र से आई ये नेता भी होंगी शामिल, पहले किया था इनकार

गौरतलब है कि मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और इस समारोह में शामिल होने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 मई को शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे.

मोदी बीजेपी के ऐसे पहले नेता हैं जिन्हें प्रधानमंत्री के रूप में पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार इस शीर्ष पद के लिए चुना गया है. साथ ही जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.

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