‘मुल्लाओं और मौलवियों ने इस्लाम धर्म को जटिल बना डाला’
मुंबई। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान के पिता और पुराने ज़माने के मशहूर लेखक सलीम खान ने आज हाजी अली दरगाह पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। उन्होनें अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि ‘हाजी पर उच्च न्यायालय का फैसला उसी का अनुसरण करता है, जो हादीस और कुरान ने कहा है। एक अच्छा मुसलमान होने के लिए पहले आपको एक अच्छा इंसान होना पड़ेगा।’
High court judgement on Haji Ali endorses what Hadees and Quran have said. To be a good muslim you have to be a good human being.
— Salim Khan (@luvsalimkhan) August 27, 2016
सलीम खान ने आगे लिखा कि ‘इस्लाम एक सरल धर्म है जिसे मुल्लाओं और मौलवियों ने जटिल बना डाला है। मज़ार में पुरुष और महिलाएं दोनो ही जा सकती हैं, क्योंकी इस्लाम में कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है।’ आज सलीम खान काफी बागी अंदाज़ में नज़र आए यहां तक की उन्होनें लोगों को फतवा का भी असली अर्थ समझा दिया।
सलीम खान ने लिखा कि फतवा का मतलब फैसला नहीं होता, जैसा कि लोग सोचते हैं। यह इस्लाम के ज्ञानी लोगों के द्वारा दी गई राय होती है।
Mazar & Durga are graves men & women both can visit them as there is no gender
discrimination in Islam. Mullas & Maulvis are complicating an— Salim Khan (@luvsalimkhan) August 27, 2016
बता दें की मुल्लाओं और मौलवियों ने हाजी अली दरगाह पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का विरोध किया, उन्होनें कहा हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन यह फैसला इस्लाम के खिलाफ है। उनकी इस बात पर सलीम खान ने बेबाक अंदाज़ में मुल्लाओं और मौलवियों पर इस्लाम को जटिल बनाने का आरोप लगा दिया।