
रिपोर्ट- सर्वजीत सिंह
श्रावस्ती। श्रावस्ती जनपद में सरकारी स्कूल में महीनो से छात्रो को नही मिल रहा एमडीएम का खाना, घण्टो पढ़ाई करने के बाद छात्र प्रतिदिन स्कूल से बिना खाना खाये ही घर जाने को होते है मजबूर,शिक्षक के अनुसार ग्राम पंचायत प्रधान द्वारा स्कूल में नही भेजा जाता है खाद्यान सामग्री जिससे स्कूल में नही बनता एमडीएम का खाना।
आप को बता दे की श्रावस्ती जनपद भारत देश के सबसे पिछड़े जनपदों में आता है जिसको लेकर केंद्र और प्रदेश की सरकार हमेसा जिले के अधिकारियो को सरकार के द्वारा चलाये जा रहे योजनाओ को लाभ जनता तक पहुचाने के लिए निर्देश देते दिखाई पड़ती रहती है।
लेकिन श्रावस्ती जिले के ग्राम पंचायत क्षेत्र से लेकर जिले के विभागीय अधिकारियो के मिलीभगत से सरकार की योजनाओ को भ्रस्टाचार के भेट चढ़ा दिया जाता है जिसका नतीजा यह देखने को मिलता है की सरकार के द्वारा चलाये जा रहे योजना जनता तक नही पहुँचता जिसके बाद जनता सरकार को समय आने पर है जबरजस्त तरीके से जबाब देती है।
राजधानी में आज अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ के बैनर तले इको गार्डन में धरना प्रदर्शन…
मामला श्रावस्ती जिले के हरिहरपुर रानी विकास खण्ड क्षेत्र के हरिहरपुर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय का है जहां पर महीनों से मासूम छात्रो को एमडीएम का खाना नही दिया रहा है, और छात्रो का कहना है कि यहां अक्टूबर माह से सरकारी स्कूल में हम लोगों को एमडीएम का खाना नही दिया गया है।
वंही प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर की अध्यापिका ने बताया की इस विद्यालय में आखरी बार 4 अक्टूबर को एमडीएम का खाना बना था,जिसके बाद एमडीएम का खाना नही बना,वही अध्यापिका ने बताया की इसकी शिकायत ग्राम प्रधान से कई बार किया गया है लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय में खाद्यान नही भेजा जा रहा है जिसके चलते स्कूल में खाना नही बनता,बच्चे भूखे पेट स्कूल से घर जाने को मजबूर होते है और अब स्कूल में बच्चों की संख्या भी घटनी लगी है।
वही जब मामला मीडिया में आया मीडिया में आया और मीडिया द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमकार राणा के पास पहुँचकर सरकारी स्कूल के छात्र को महीनो से एमडीएम का खाना नही मिलने की बात को पूछा गया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा पुरे मामले से अपने आप को अनजान बताते हुए जांच कराकर कार्यवाई करने की बात को कहा गया।
राजधानी में आज अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ के बैनर तले इको गार्डन में धरना प्रदर्शन…
अब सवाल ये उठता है की आखिर एमडीएम में मिलने वाला खाद्यान और पैसा कहा जाता है।कियूकी जब एमडीएम बनता ही नही तो आखिर पैसा कहां जाता हैं और इसका बंदर बाट किस किस के बीच होता है।