बेरोजगारी भत्ते के वादे से नाकाम रही राजस्थान सरकार

अशोक गहलोत की सरकार ने साल 2018 में विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था। वादे को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रही। सरकार ने बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने के लिए मुख्यमंत्री युवा संबल योजना तो लागू किया था लेकिन इसका लाभ रोजगार निदेशालय में फॉम भरने वाले सभी युवाओं को नहीं मिल रहा है। सरकार के यहां अभी तक फॉम भरने वालों कि संख्या15 लाख 3 हजार 834 बेरोजगार हैं। इसमें से12 लाख 24 हजार स्नात्तक और उसके लिए सक्षम हैं।

वहीं बचे हुए बेरोजगारों की शिक्षा उससे भी कम है। पंजीकरण तो बड़ी संख्या में हो गया मगर सरकार ने दो साल में केवल 2 लाख 49 हजार 433 युवाओं को ही रोजगार दे पाया है। वहीं बेरोजगार लोग सरकार का वादा पूरा होने के इंतजार कर रहे है। कांग्रेस सरकार ने 3500 रूपये भत्ता देने का वादा किया था। वहीं प्रदेश के युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना ने कहा है कि भत्ता दिए जाने की संख्या बढ़ते प्रस्ताव पर विचार चल रहा है।

सरकार ने एक साल में ज्यादा से ज्यादा 1 लाख 60 हजार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का निर्धारित सीमा बनाया है। उन्होने कहा की युवाओं के आवेदन करने की संख्या बहुत लंबी है। उनके समस्या का हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरियां और निजी क्षेत्र में भी रोजगार की संभावनाएं बढ़ाई जा रही है। युवाओं को कौशल विकास के तहत अलग-अलग क्षेत्रों में तैयार किया जा रहा है, जिससे वे अपना खुद का काम शुरू कर सकते है।सरकार इसके लिए आर्थिक सहायता भी मुहैया करेगी।

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