
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 10 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह रेड्डी अन्ना गेमिंग ऐप के जरिए ठगी करता था और इसके तार चीन के साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। सरगना गन्नी के दुबई में छिपे होने की आशंका है, जिसकी तलाश जारी है।

लखनऊ की साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल और पीजीआई थाना की टीम ने वृंदावन योजना के एक फ्लैट से 15 जालसाजों को पकड़ा। डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि गिरोह फर्जी गेमिंग ऐप और निवेश के लालच से लोगों को ठगता था। अधिकांश आरोपी बिहार के हैं, एक मध्य प्रदेश से है। जांच में पता चला कि गिरोह कई चीनी ऐप का इस्तेमाल करता था और देशभर में दफ्तर खोलकर ठगी का जाल बिछा रखा था।
जांच और बरामदगी:
आरोपियों के पास से मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद हुए। कोर्ट की अनुमति से इनका डेटा खंगाला जाएगा, जिससे गिरोह के बैंक खातों और नेटवर्क का पता चलेगा। पुलिस फर्जी खातों को बंद कराने की कार्रवाई करेगी। गन्नी की गिरफ्तारी के लिए दुबई से पत्राचार शुरू होगा।
ठगी का तरीका:
गिरोह सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए लोगों को फंसाता था। रेड्डी अन्ना ऐप पर गेमिंग और निवेश के नाम पर पैसे जमा करवाए जाते, फिर यूजर्स को ब्लॉक कर दिया जाता।
आगे की कार्रवाई:
पुलिस बिहार और मध्य प्रदेश में सक्रिय अन्य जालसाजों की तलाश कर रही है। नागरिकों से अनजान ऐप पर निवेश न करने की अपील की गई।