
एक छोटी बच्ची ने 0 से 9 संख्याओं के माध्यम से ऐसा गठजोड़ बनाया है कि इसमें जीवन का सार छुपा है। बच्ची ने बड़े सहज ढ़ग से बड़ी बात कह दी है। यह बात कर हर इंसान की समझ में आ जाए तो यह सच है कि वह भवसागर तर जाएगा। यही नहीं इस बात को कोई समझ ले तो पाप से उसका नाता ही टूट जाएगा।
एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा 8 रोने लगा…
पूछा मुझे क्यों मारा..?
9 बोला…
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..
सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी
7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..
अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था!
1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया
जैसे ही बैठाया…
उसकी ताक़त 10 हो गयी..! और 9 की हालत खराब हो गई।
जिन्दगी में किसी का साथ काफी है,
कंधे पर किसी का हाथ काफी है।
दूर हो या पास…क्या फर्क पड़ता है,
“अनमोल रिश्तों” का तो बस “एहसास” ही काफी है।