
जयपुर में सोमवार देर शाम से शुरू हुआ बारिश का दौर बुधवार को भी मूसलाधार बारिश के साथ जारी रहा, जिससे शहर की रफ्तार थम गई।

भारी जलभराव के कारण मानसरोवर, झोटवाड़ा, सांगानेर, वैशाली नगर, गलता गेट, चार दरवाजा, टोंक रोड, रेलवे स्टेशन रोड, और अजमेर रोड जैसे प्रमुख इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
जलभराव के चलते हजारों कर्मचारी समय पर अपने कार्यालय नहीं पहुंच सके, जिसका असर सरकारी और निजी दफ्तरों की उपस्थिति पर पड़ा। कई मजदूर वर्ग के लोग, जो सुबह काम पर निकले थे, जलजमाव के कारण वापस घर लौटने को मजबूर हुए। लो-फ्लोर बसों का संचालन पूरी तरह बाधित रहा, और जलभराव वाले मार्गों पर बसों को रोक दिया गया, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़कों पर पानी भरने से दोपहिया और चारपहिया वाहन बीच रास्ते में बंद हो गए, और लोगों को घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहना पड़ा।
मौसम विभाग के अनुसार, जयपुर में सोमवार को एक दिन में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 10 वर्षों में एक दिन की सबसे अधिक बारिश है। सांगानेर में 74 मिमी, कलेक्ट्रेट में 55 मिमी, और आमेर में 12 मिमी बारिश दर्ज हुई। मंगलवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा, और बुधवार को भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर कर दिया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में जयपुर, भरतपुर, उदयपुर, और अजमेर संभागों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जयपुर सहित अलवर, बांसवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, कोटा, प्रतापगढ़, और सवाई माधोपुर में ऑरेंज अलर्ट, जबकि अजमेर, भीलवाड़ा, झुंझुनू, राजसमंद, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जालौर, जोधपुर, नागौर, पाली, और श्रीगंगानगर में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
नगर निगम और यातायात विभाग की ओर से जलभराव और ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल मॉनसून में जलभराव की समस्या होती है, लेकिन नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम में सुधार जैसे स्थायी समाधान नहीं किए जाते। जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (JDA) ने अमानीशाह नाले में पानी डायवर्ट करने के लिए ड्रेनेज सिस्टम बनाया है, लेकिन भारी बारिश की तीव्रता ने इस सिस्टम को भी अप्रभावी कर दिया।
मौसम विभाग ने निवासियों से सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है। भारी बारिश के कारण स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं, और प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात की हैं। हाल ही में झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में बारिश के कारण स्कूल की दीवार और छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 21 के घायल होने की घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है।