
 नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के सबसे लम्बे पुल का उद्घाटन किया। मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को असम में देश के सबसे लंबे पुल समेत कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। पीएम मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें वह अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर बोल सकते हैं। पीएम मोदी ने इससे पहले गुरुवार रात ट्वीट किया, मैं कल असम में रहूंगा और कई कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं असम की जनता से बातचीत करने के इस अवसर का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के सबसे लम्बे पुल का उद्घाटन किया। मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को असम में देश के सबसे लंबे पुल समेत कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। पीएम मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें वह अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर बोल सकते हैं। पीएम मोदी ने इससे पहले गुरुवार रात ट्वीट किया, मैं कल असम में रहूंगा और कई कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं असम की जनता से बातचीत करने के इस अवसर का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।’
प्रधानमंत्री यहां 9।15 किलोमीटर लंबे ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन करेंगे, जिससे असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर एक घंटा रह जाएगा। इस पुल पर भारी से भारी सामान ले जाना संभव होगा। बताया जा रहा है कि इस पुल से सेना का 60 टन वजनी टैंक भी गुजर सकता है। इसके अलावा यह रिएक्टर स्केल पर 8।0 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है।
अभी तक यहां ब्रह्मपुत्र नदी को पार करने के लिए केवल दिन के समय नौका का ही उपयोग किया जाता था और बाढ़ के दौरान यह भी संभव नहीं होता था। शुक्रवार को इस पुल का उद्घाटन होने के बाद ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के लिए संपर्क सुनिश्चित हो जाएगा। इससे प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल में 10 लाख रुपये तक की बचत होगी।
इसके साथ ही इस एक ही दिन में मोदी करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे। वे कई आयोजन स्थलों पर जाएंगे। सुबह सादिया से शुरू हुई यह मोदी यात्रा धेमाजी तक पहुंचेगी जहां गोमुख स्थित कृषि केंद्र (IARI) का शुभारंभ किया जाएगा।
जून 2003 में असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुकुट मिथि ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखकर ये पुल बनाने की मांग की थी। सीएम मुकुट ने पीएम अटल को लिखे पत्र में पुल बन जाने से चीन सीमा तक भारत की पहुंच को आसान बनाने की भी बात लिखी थी। अगस्त 2003 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पुल बनने की संभावना का जमीनी अध्ययन पूरा कर लिया। पुल की मंजूरी मिलने के बाद इसका निर्माण 2011 में शुरू हुआ।
 
 




