जानिए सजा नहीं बल्कि उठक-बैठक का है आपके दिमाग से ये खास कनेक्शन

नई दिल्ली : स्कूल के सुहाने दौर को भूलना काफी मुश्किल होता है। जहां उस वक्त सिर्फ पढ़ाई की ही चिंता होती थी। वहीं बाकी सारी परेशानियों से इंसान मुक्त रहता था। विद्यालयों में जहां अच्छा प्रदर्शन करने पर पुरस्कार दिया जाता है वही शैतानी करने पर टीचर सजा भी देते हैं। लेकिन कान पकड़कर उठक – बैठक करवाना इनमें सबसे कॉमन है। क्लास में जब बाकी बच्चों के सामने टीचर किसी एक को यह सजा देता है तब वह बच्चा शर्मशार हो जाता हैं जबकि यह सेहत के लिए कितना अच्छा है इसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं।

 

उठक बैठक

बता दें की कुछ समय पहले की गई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है कि कान पकड़कर उठक-बैठक करने से शरीर को कई लाभ पहुंचते हैं। आज के समय में भले ही इसे एक सजा के तौर पर देखा जाता है, लेकिन यह किसी योग से कम नहीं है।

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प्राचीन समय में गुरुकुलों में सभी विद्यार्थियों को यह योग करना पड़ता था। जैसा कि हम जानते हैं उठक-बैठक करने के दौरान कान के निचले हिस्से को पकड़ा जाता है।  उठक-बैठक करने के दौरान मेमोरी सेल्स में रक्त का प्रवाह तेजी से होता है। दिमाग के बाए और दाए हिस्सों की कार्यप्रणाली में भी सामंजस्य स्थापित होता है। इस वजह से मन शान्त रहता है, एकाग्रता में वृद्धि होती है और याददाश्त तेज होती है।

 

दरअसल विदेशों में यह सुपर ब्रेन योगा के नाम से मशहूर हो रहा है। लोग दिमाग को शांत रखने के लिए इसे कर रहे हैं। प्रेशर पॉइंट होते हैं। इन्हें पकड़ने पर इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जिससे दिमाग की कुछ खास तंत्रिकाओं में सक्रियता बढती है और ब्रेन स्ट्रांग होता है। दिमाग की कार्यक्षता भी बढ़ जाती है।

 

 

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