सिस्टम से तंग आये ग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार

रिपोर्ट: कुलदीप राणा आज़ाद

रुद्रप्रयाग: पिछले कई सालों से रुद्रप्रयाग जनपद के विकासखण्ड उखीमठ का तरसाली गांव सड़क की मांग कर रहा है गाँव वाले विभागों से लेकर विधायकों और मुख्यमंत्री तक अपनी फरियाद लगा चुके हैं|

लेकिन ग्रामीणों की कहीं कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है, लिहाज़ा अब ग्रामीणों ने आगामी लोक सभा चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है।

राज्य और केन्द्र सरकार अंतिम छोर को सड़क मार्ग तक जोड़ने की बात करती है। लेकिन इसकी हकीक़त कुछ और ही है| उखीमठ विकास खण्ड के बड़ासू के राजस्व गांव तरसाली गांव राज्य गठन के अठारह वर्ष बाद भी सड़क के लिए तरस रहा है। ढाई सौ की आबादी वाले इस गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई।

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अपनी रोजमार्रा की जरूरतों के लिए यहां के ग्रामीणी खड़ी दुर्गम चट्टानों और जंगलों के बीच से होते हुए पांच किमी दूरी तय करते हैं। 2013 की आपदा में यहां से जाने वाला एक मात्र पैदल रास्ता भी ध्वस्त हो गया था जो आज तक नहीं बन पाया है। बुर्जुगों, बीमारों, गर्भवती महिलायों और स्कूली बच्चों को हर रोज परेशानियां झेलनी पड़ती हैं|

बीमार कई बार रास्ते में दम तोड़ देते हैं तो स्कूली बच्चों का जंगली जानवरों से सामना हो जाता है। जबकि तरसाली गांव एक कृषि प्रधान गांव हैं यहां सब्जियों और फलों का मुख्य रूप से उत्पादान होता है। लेकिन सड़क मार्ग न होने के कारण ग्रामीणों की फसल गांवों में ही सड़ जाती है।

देश में एक बार फिर से लोक सभा चुनाव होने जा रहे हैं जबकि उत्तराखण्ड में चार विधान सभा चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। चुनावों के वक्त नेता इस गांव की पगडंडी चढ़कर सड़क मार्ग का आश्वासन जरूर देते हैं लेकिन चुनाव जितने के बाद पलट कर नहीं देखते हैं |

सालों से सड़क की राह ताक रहे ग्रामीणों की सुनवाई न होने पर अब ग्रामीणों ने आगामी लोक सभा चुनावों में मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया हैं। ग्रामीणों ने कहना है कि केन्द्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने के बाद भी हमारे गांव तक सड़क मार्ग नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में सड़क नहीं तो वोट नहीं।

आपको बता दें कि साल 2015 में तत्कालीन विधायक शैलारानी रावत ने तरसाल गांव के लिए तीन किमी सड़क मार्ग हेतु लोक निर्माण विभाग उखीमठ को प्रांकलन तैयार करने के लिए कहा था लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण कोई कार्यावाही नहीं हुई। पुनः वर्ष 2017 में विधायक मनोज रावत द्वारा तरसाली के लिए सड़क का प्रस्ताव तैयार कर सर्वे करने के निर्देश लो.नि.वि. को दिए गए।

लोक निर्माण विभाग द्वारा तरसाली के लिए तीन किलो मीटर सड़क स्वीकृति का प्रस्ताव 20 लाख 50 हजार का प्रांकलन शासन को भेजा लेकिन शासन द्वारा उस फाइल को न जाने किस कोने में धूल फांकने के लिए डाल दिया। ग्रामीणों द्वारा लगातार स्थानीय विधायकों से लेकर मुख्यमंत्री तक फरियाद लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब लोक सभा चुनाव बहिष्कार से सिस्टम की आंखे कितनी खुल पाती हैं यह देखनी वाली बात होगी।

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