जानिए जनहित याचिका के बारे में , कैसे करते हैं इसे दाखिल…
हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में किसी व्यक्ति, नेता और पार्टी ने जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की है। तो मन में सवाल आता होगा कि आखिर ये क्या है और इसे कैसे दाखिल किया जाता है।
जहां भारतीय नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अधिकारों की रक्षा की गुहार लगाई जा सकती है। हाईकोर्ट में अनुच्छेद-226 के तहत और सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-32 के तहत याचिका दायर की जा सकती है।
Video : किसने कहा “चुनाव के बाद यही रहना है ना” !…
लेकिन पीआईएल डालने वाले शख्स को अदालत को यह बताना होगा कि कैसे उस मामले में आम लोगों का हित प्रभावित हो रहा है। दायर की गई याचिका जनहित है या नहीं, इसका फैसला कोर्ट ही करता है। इसमें सरकार को प्रतिवादी बनाया जाता है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट सरकार को उचित निर्देश जारी करती हैं।
देखा जाये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी हलफनामे में संपत्ति का ब्यौरा छिपाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
लेकिन अगर कोई सबूत है तो उसकी कॉपी भी लेटर के साथ लगा सकते हैं। लेटर जनहित याचिका में तब्दील होने के बाद संबंधित पक्षों को नोटिस जारी होता है और याचिकाकर्ता को भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा जाता है। अगर याचिकाकर्ता के पास वकील न हो तो कोर्ट मुहैया कराती है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के नाम भी लेटर लिखा जा सकता है।
दरअसल दूसरा तरीका ये है कि वकील के जरिए जनहित याचिका दायर की जा सकती है। वकील याचिका तैयार करने में मदद करता है। याचिका में प्रतिवादी कौन होगा और किस तरह उसे ड्रॉफ्ट किया जाएगा, इन बातों के लिए वकील की मदद जरूरी है। पीआईएल दायर करने के लिए कोई फीस नहीं लगती।