छत्तीसगढ़: सीएम भूपेश बघेल ने रेल मंत्री पर लगाया राजनीति करने का आरोप, कहा- महामारी से लड़ने में सहयोग करें

छत्तीसगढ़। कोरोना वायरस की वजह से हुए पूरे देश में लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है. लेकिन इसके साथ-साथ दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को काम ठप्प होने के कारण गुजारा करना मुश्किल सा हो रहा है. अब वह अपने घरों को लौटना चाहते हैं. इस काम के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर कुछ स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम किया ताकि सभी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जा सके. लेकिन अब इस पर भी राजनीति होने लगी है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल पर प्रवासियों के लिए ट्रेनें चलाने के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। सीएम बघेल ने उन्हें सलाह दी कि वह राज्यों के साथ मिलकर कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में सहयोग करें।

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गौरतलब हो कि गोयल ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों को ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों के संचालन की अनुमति देने का आग्रह किया था।
सीएम बघेल ने कहा, ‘पीयूष गोयल जी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ ट्रेनों के संचालन के लिए अनुमति नहीं दे रहा है। हमने उन्हें जवाब दिया कि राज्य ने सभी स्वीकृतियां दे दी हैं। छत्तीसगढ़ (ट्रेनों को चलाने के लिए) के साथ कोई अनुमोदन लंबित नहीं है। उन्होंने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है।’

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल मंत्री अब राज्य द्वारा ट्रेनों के लिए लंबित अनुमति के मुद्दे पर चुनौतियां दे रहे हैं। गोयल ने बघेल को यह साबित करने के लिए कथित तौर पर चुनौती दी थी कि केंद्र ने प्रवासियों को भेजने वाले और उनके गंतव्य राज्यों से अनुरोध मिलने के बाद ट्रेनों के लिए मंजूरी नहीं दी है।

 

बघेल ने कहा, ‘गोयल जी से मेरा अनुरोध है कि यह राजनीति करने या चुनौतियां देने का समय नहीं है। यह कोरोना वायरस महामारी से एक साथ लड़ने का समय है। यह प्रवासी मजदूरों की मदद करने का समय है।’

 

सीएम ने कहा, ‘ट्रेनों को चलाने के लिए छत्तीसगढ़ ने जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक से अनुमति मांगी है, जो अभी भी लंबित है।’ दरअसल ट्रेनों को चलाने के लिए प्रवासियों को भेजने वाले तथा उनके गंतव्य राज्यों को मंजूरी देने की जरूरत होती है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने के लिए 1.16 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।’

 

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