बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया मीठी नदी डिसिल्टिंग घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत डिनो मोरिया के बांद्रा पश्चिम स्थित घर सहित मुंबई और कोच्चि में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।

इस घोटाले में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को 65 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है। डिनो और उनके भाई सैंटिनो मोरिया को पहले ही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) दो बार पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
ईडी की कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। यह जांच मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें मीठी नदी की सफाई के लिए डिसिल्टिंग कार्यों में अनियमितताओं का आरोप है। जांच में पाया गया कि कोच्चि की कंपनी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से स्लज पुशर और ड्रेजिंग मशीनें ऊंची कीमतों पर किराए पर ली गईं। इसके लिए फर्जी बिल और जाली एमओयू का इस्तेमाल किया गया, जिससे बीएमसी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
डिनो मोरिया का कनेक्शन
ईओडब्ल्यू की जांच में डिनो और उनके भाई सैंटिनो के फोन रिकॉर्ड में मुख्य आरोपी केतन कदम के साथ बार-बार बातचीत का खुलासा हुआ। केतन कदम, जो वोडर इंडिया एलएलपी से जुड़े हैं, और उनकी पत्नी पुनिता, यूबीओ राइड्स प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक हैं, जिसमें सैंटिनो भी निदेशक हैं। इस कंपनी को केतन से 18 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर होने की बात सामने आई है, जिसकी जांच चल रही है। डिनो और सैंटिनो को 26 और 28 मई को ईओडब्ल्यू ने आठ घंटे तक पूछताछ के लिए बुलाया था।
मीठी नदी घोटाला क्या है
मीठी नदी, जो मुंबई की एक प्रमुख जल निकासी नदी है, 2005 के बाढ़ के बाद से नियमित डिसिल्टिंग के लिए चर्चा में रही है। इस घोटाले में बीएमसी अधिकारियों और ठेकेदारों पर आरोप है कि उन्होंने निविदा प्रक्रिया में हेरफेर कर मैटप्रॉप कंपनी को फायदा पहुंचाया। मशीनों के किराए की कीमत को 8 करोड़ से घटाकर 4 करोड़ रुपये किया गया, लेकिन फिर भी यह सामान्य दर (1,609 रुपये प्रति मेट्रिक टन) से अधिक (2,193 रुपये प्रति मेट्रिक टन) थी। ठेकेदारों ने कथित तौर पर कीचड़ परिवहन के लिए फर्जी बिल बनाए, जिससे बीएमसी को 65.54 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने डिनो मोरिया, बीएमसी के सहायक अभियंता प्रशांत रामूगड़े, और कई ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में वित्तीय दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डेटा, और लेनदेन रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ताकि धन की हेराफेरी और सार्वजनिक निधि के दुरुपयोग का पता लगाया जा सके। ईओडब्ल्यू ने पहले ही 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें तीन बीएमसी अधिकारी और पांच ठेकेदार शामिल हैं।
डिनो मोरिया से अभी तक कोई प्रत्यक्ष अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन उनकी केतन कदम के साथ नजदीकी और वित्तीय लेनदेन की जांच चल रही है। ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों इस मामले में गहराई से जांच कर रहे हैं, और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है।