Chhattisgarh: सजा पूरी करने वाले 100 कैदियों को किया रिहा, जेल में भीड़ हो रही कम

दुनियाभर में कोरोना वायरस का डर हर किसी को सता रहा है. यह हर किसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है फिर वो चाहे कोई बड़ा या छोटा क्रिमिनल ही क्यों न हो. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की जरुरत जेल में भी है. इसी को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह निर्देश दिया था कि जेलों में भीड़ कम हो. इसी निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ में 11 मई तक 3418 विचाराधीन कैदियों को कारागारों से रिहा किया गया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. जन संपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जमानत और पैरोल देने की प्रक्रिया मार्च के आखिरी सप्ताह में शुरू हुई थी. उन्होंने कहा, ‘‘ग्यारह मई तक राज्य की 33 जेलों से 1269 कैदियों को अंतरिम जमानत, 1844 को नियमित जमानत और 305 लोगों को पैरोल दी गयी.’’ उन्होंने बताया कि इसके अलावा सजा पूरी करने वालो 100 कैदियों को भी रिहा कर दिया गया.

 

उच्चतम न्यायालय ने मार्च में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड-19 महामारी के आलोक में जेलों में भीड़ कम करने के लिए विभिन्न अपराधों में सात साल तक की कैद की सजा काट रहे कैदियों या विचाराधीन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करने के लिए उच्च स्तरीय समितियां गठित करने का निर्देश दिया था. अधिकारी के अनुसार कैदियों को जमानत/पैरोल प्रदान करने के मामले पर विचार के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अगुवाई में तीन सदस्यीय एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनायी गयी थी.

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