दुनिया भर के ज्यादातर देशों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई है, लेकिन लॉकडाउन को कामयाब बनाने के लिए तमाम मुल्क अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। हो सकता है ये तरीके आपको थोड़े अजीब लगें लेकिन इनका मकसद सिर्फ इतना ही है कि लॉकडाउन को कामयाब बनाया जा सके।
1. पनामा
सेंट्रल अमेरिका के इस देश में कोरोना वायरस संक्रमण के अभी तक एक हजार के करीब मामले सामने आ चुके हैं। पनामा में लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है लेकिन यहां का लॉकडाउन किसी भी दूसरे देश की तुलना में थोड़ा हटकर है। यहां जेंडर के आधार पर लॉकडाउन की घोषणा की गई है। पनामा में लॉकडाउन तो है लेकिन लोग जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए बाहर निकल सकते हैं, लेकिन उसके लिए जेंडर आधारित शर्तें हैं। मसलन, यहां सप्ताह के कुछ दिन महिलाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं और कुछ दिन पुरुषों के लिए।
महिलाएं सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दो घंटे के लिए घर से बाहर निकल सकती हैं। पुरुषों के लिए मंगलवार, गुरुवार और शनिवार का दिन तय है जबकि रविवार को किसी के भी बाहर निकलने पर प्रतिबंध है।
2. कोलंबिया
कोलंबिया के कुछ कस्बों में लोगों को उनकी नेशनल आईडी पर अंकित अंतिम नंबर के आधार पर बाहर निकलने की अनुमति है। उदाहरण के तौर पर बैरानकैबरमेजा में रहने वाले जिन नागरिकों की आईडी नंबर 0,4,7 पर खत्म होता है वे सोमवार को खरीदारी के लिए जा सकते हैं। वहीं जिनकी आईडी में 1,5,8 आखिरी संख्या है वे मंगलवार को शॉपिंग के लिए निकल सकते हैं। आने वाले समय में संभव है कि बोलिविया में भी यही नियम दिखाई दे।
3. सर्बिया
सर्बिया में भी लॉकडाउन है और लोगों की भीड़ ना जुटे इसके लिए सर्बिया में ‘डॉग-वॉकिंग आवर’ लागू किया गया है, जिसमें रात आठ बजे से नौ बजे तक का समय कुत्तों को टहलाने के लिए तय किया गया था। हालांकि बाद में इसे विरोध के चलते वापस ले लिया गया। एक पशु चिकित्सक ने बताया कि अगर कुत्तों को शाम को टहलाया नहीं जाए तो उनमें कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाएंगी। खासतौर पर यूरिन से जुड़ी समस्याएं। इसके चलते जिन घरों में वो रह रहे हों वहां रहने वालों को भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाएगा।
4. बेलारूस
बेलारूस के राष्ट्रपति को बीते दिनों काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। ‘मुझे तो कोई वायरस नहीं दिख रहा’, बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकेशेंका से जब पूछा गया कि वो अपने देश कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने हंसते हुए यही जवाब दिया।
आइस हॉकी के एक मैच के दौरान टीवी रिपोर्टर ने जब लुकेशेंका से पूछा कि वो मैच स्थगित क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि मैच से कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि स्टेडियम की ठंड वायरस को फैलने से रोकेगी। लुकेशेंका ने कहा, ‘यहां कोई वायरस नहीं है। आपने उन्हें उड़ते हुए नहीं देखा, है ना? मैंने भी नहीं देखा। देखिए, यहां बर्फ है। ये वायरस का मारने का सबसे अच्छा तरीका है।’ बाकी यूरोपीय देशों के उलट बेलारूस ने किसी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट को स्थगित नहीं किया है।
5. स्वीडन
अपने पड़ोसी देशों से अलग स्वीडन ने अभी तक किसी तरह की तेजी नहीं दिखाई है। वो काफी आराम की स्थिति में नजर आ रहा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि वहां स्थिति बहुत अच्छी है। स्वीडन में अभी तक साढ़े चार हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। सरकार को उम्मीद है कि लोग समझदारी की परिचय देंगे और सही कदम ही उठाएंगे। बीते रविवार से यहां 50 से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है। लेकिन 16 साल से कम उम्र के बच्चों के स्कूल अभी भी खुले हुए हैं। पब और रेस्त्रां अभी भी टेबल सर्विस दे रहे हैं और बहुत से लोग अभी भी सोशलाइजिंग कर रहे हैं, जैसे वो पहले किया करते थे।
6. मलयेशिया
मलयेशिया में आंशिक लॉकडाउन है। इस दौरान मलयेशिया में सरकार को अपनी दी गई एक सलाह के लिए माफी मांगनी पड़ी। देश के महिला मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन एक कार्टून जारी किया गया था, जिसमें महिलाओं से कहा गया था कि वे मेकअप करें, सजे-संवरे और इस दौरान अपने पति के साथ नोंक-झोंक करने से परहेज करें। हालांकि बाद में कड़ी निंदा के बाद सरकार को इस कार्टून के लिए माफी मांगनी पड़ी। सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद सरकार ने इसे हटा लिया।
7. तुर्कमेनिस्तान
तुर्कमेनिस्तान में इस महामारी से निपटने के लिए एकदम अलग कदम उठाया गया है। यहां कोरोना वायरस शब्द पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया है। तुर्कमेनिस्तान क्रॉनिकल की खबर के अनुसार, सरकार ने अपने हेल्थ इंफॉर्मेशन ब्रोशर्स से इस शब्द को ही हटा दिया है। रेडियो अजतलाइक में काम करने वाले पत्रकारों के मुताबिक, देश में जिस भी किसी को कोरोना वायरस के बारे में बात करते या मास्क पहनकर घूमते पाया जाएगा उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि यहां अभी तक कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि इसकी सीमा ईरान से लगती है जो दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है।
8. ऑस्ट्रिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जो लोग स्वस्थ हैं उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर वो किसी की देखभाल कर रहे हैं या फिर उनके आस पास कोई बीमार है तो वो मास्क पहन सकते हैं। लेकिन ऑस्ट्रिया ने अपने यहां सुपर मार्केट में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि बीते कुछ सप्ताह में मास्क पहनकर घूमते लोगों को देखा जाना सामान्य सा हो गया है, लेकिन ऑस्ट्रिया दुनिया का वो चौथा देश है जिसने अपने यहां सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और हर्जेगोविना अपने यहां इसे अनिवार्य कर चुके हैं।