‘योगी दलितमित्र कैसे, उपाधि में चापलूसी की बू’

लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी लेनिनवादी) ने दलित अधिकार कार्यकर्ता पूर्व आईपीएस अधिकारी एस.आर. दारापुरी, पूर्व आईएएस हरिश्चंद्र व साथियों की गिरफ्तारी की निंदा की है और कहा है कि दलित विरोधी मुख्यमंत्री को ‘दलितमित्र’ की उपाधि से नवाजा जाना समझ से परे है। इसमें चापलूसी की बू आती है।

योगी

पार्टी की राज्य स्थायी समिति के सदस्य अरुण कुमार ने बातचीत में कहा कि जिस मुख्यमंत्री के शासन में पूरे प्रदेश में दलितों को सामंती-सरकारी उत्पीड़न का खास निशाना बनाया जा रहा हो, दलित अत्याचार करने वालों को प्रशासनिक संरक्षण दिया जा रहा हो और न्याय के लिए दलितों को भटकना पड़ रहा हो, वैसे दलित-विरोधी मुख्यमंत्री को दलितमित्र की उपाधि से नवाजा जाना समझ से परे है। इसमें चापलूसी की बू आती है।

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माले नेता ने दलित कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी को लोकतंत्र का अपमान बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार असहमति की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने सभी की बिना शर्त रिहाई की मांग की।

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शनिवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को ‘दलितमित्र’ की उपाधि से सम्मानित किए जाने का विरोध करने पर अंबेडकर महासभा कार्यालय के पास दारापुरी, पूर्व आईएएस हरिश्चंद्र व उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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