बॉडी में थे पुरुष के क्रोमोसोम्स, फिर भी दिया बच्चे को जन्म

पुरुष के क्रोमोसोम्सबेंगलुरु। मेडिकल क्षेत्र में एक नया चमत्कार हुआ है। महिला ने पुरुष के क्रोमोसोम्स के साथ महिला ने दिया बच्चे को जन्म दिया है। महिला स्वायर सिंड्रोम से पीड़ित थी।

अब तक स्वायर सिंड्रोम के भारत में 18 मामले सामने आए हैं। इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में पुरुषों की तरह XY क्रोमोसोम्स होते हैं लेकिन शरीर महिलाओं की तरह। 80,000 में से किसी एक को यह सिंड्रोम होता है। जब शिशु प्यूबर्टी तक पहुंचता है, तब इसके बारे में जानकारी हो पाती है। कई बार तो लोग इसे समाज के कारण छिपा लेते हैं।

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एनबीटी के रिपोर्ट के अनुसार, इस सिंड्रोम का इलाज करा रही महिला ने बताया, ‘मुझे स्वायर सिंड्रोम होने के बारे में 2003 में पता चला। वह मेरे और मेरे परिवार के लिए मुश्किल समय था। लेकिन मैंने समाज की चिंता किए बिना उसका सामना किया। मै सिर्फ एक आदर्श स्त्री तक सीमित नहीं रहना चाहती थी। मैंने पढ़ाई में अपना ध्यान लगाया।’

फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. अवीवा पिंटो बताती हैं कि स्वायर सिंड्रोम में एक व्यक्ति बाहर से महिला होता है और उसमें प्रजनन अंग पुरुष के होते हैं जिन्हें सर्जरी कर निकाला जा सकता है। इसके अलावा हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी की जाती है।

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स्वाति ने आर्टिफिशली गर्भ धारण किया और एक बेटे को जन्म दिया। स्वाति मानती है कि एक महिला के जीवन में मां बनने से अधिक भी बहुत कुछ होता है लेकिन वह इस पल को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा मानती हैं।

दरअसल, क्रोमोसोम्स ही तय करते हैं कि होने वाला बच्चा महिला होगा या पुरुष। महिलाओं में दोनों X क्रोमोसोम होते हैं। वहीं पुरुषों में जहां एक X क्रोमोसोम होता है और एक Y।

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