क़ानून से नहीं हो सकता महिलाओं का भला! दहेज का मुद्दा उछाल तीन तलाक बिल को किया चैलेंज

हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर तीन तलाक क़ानून के खिलाफ सुर बुलंद किए। इस बार उन्होंने दहेज़ प्रथा के मामले को उछालते हुए तीन तलाक क़ानून पर निशाना साधा। उनका कहना है कि जब दहेज के खिलाफ क़ानून होते हुए भी दहेज के लेन-देन में कोई कमी नहीं आई। इसी तरह क़ानून बना देने से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी आना भी बहुत मुश्किल है।

ओवैसी ने इस क़ानून को मुस्लिमों के खिलाफ महज एक साजिश बताया। इससे पहले भी ओवैसी केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल की खिलाफत करते रहे हैं।

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असदुद्दीन ओवैसी

खबरों के मुताबिक़ हैदराबाद में शुक्रवार रात एक प्रोग्राम के दौरान ओवैसी ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल के जरिए मुस्लिम पुरुषों को जेल भेजने की साजिश की जा रही है। वास्तव में ये बिल मुस्लिमों के खिलाफ साजिश ही दिखता है।

ओवैसी ने बिल पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा, “क्या ट्रिपल तलाक पर कानून लाने से ये बंद हो जाएगा?”

उन्होंने आगे कहा कि 2005 से 2015 के बीच दहेज की वजह से देश में 80 हजार महिलाओं की मौत हुई। दहेज की वजह से ही हर रोज 22 महिलाओं की मौत होती है। निर्भया कांड के बाद भी भारत में रेप के मामले तेजी से बढ़े हैं।

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ओवैसी ने कहा, “मैं ये कहना चाहता हूं कि कानून से इस तरह के मामलों को खत्म नहीं किया जा सकता।”

AIMIM की तरफ से जारी एक स्टेटमेंट में तहफ्फुज-ए-शरिया (शरिया या इस्लामिक कानून) की अपील की गई।

बता दें कि ट्रिपल तलाक बिल को लोकसभा पास कर चुकी है, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत ना होने की वजह से यह बिल अटका हुआ है।

इससे पहले ओवैसी ने भाजपा और आरएसएस को निशाने पर लिया। ओवैसी दोनों ही पार्टियों पर जमकर बरसे।

उनका कहना है कि दोनों संगठन देश से दलित और मुस्लिमों को मिटा देना चाहते हैं। अपनी बातों में उन्होंने तीन तलाक क़ानून की आलोचना की।

इतना ही नहीं ओवैसी ने शरियत क़ानून का हवाला देते हुए मुस्लिमों से ‘हिंदू विचारधारा’ के खिलाफ जंग छेड़ने का आह्वान किया। उन्होंने सभी मुस्लिमों से आगे आकर इस जंग में उनका साथ देने की भी अपील  की।

ओवैसी ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि यह देश दलितों और मुसलमानों से मुक्त हो जाय मगर ऐसा नहीं हो सकता है।

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AIMIM सांसद ने दलितों और मुस्लिमों को जागरूक होने और हिन्दुत्व विचारधारा के खिलाफ लड़ाई छेड़ने का आह्वान किया।

तीन तलाक पर ओवैसी ने कहा कि इससे पहले भी देश में बहुत सारे कानून बने मगर क्या सामाजिक कुरीतियां खत्म हो सकीं?

उन्होंने कहा कि बीजेपी की मोदी सरकार के नए कानून के मुताबिक तीन तलाक देने पर शादी तो खत्म नहीं होगी लेकिन शौहर को तीन साल के लिए जेल जाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इस कानून से समाज में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा, सिवाय इसके कि मुसलमानों को जेल भेजा जाएगा और महिलाओं को सड़क पर छोड़ दिया जाएगा।

ओवैसी ने कहा कि इस कानून से किसी को भी इंसाफ नहीं मिलने जा रहा है, लेकिन शरीयत कानून पर हमला जरूर हो रहा है।

वहीं ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय को ललकारते हुए अपनी संस्कृति को बचाने के लिए राजपूतों से सीख लेने की नसीहत दी थी।

दरअसल पद्मावती विवाद पर भड़के राजपूतों का उदाहरण देते हुए ओवैसी ने कहा था कि यदि 4 फीसदी राजपूत एकजुट होकर फिल्म रिलीज को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो 14 फीसदी मुस्लिम शरियत को बचाने के लिए एकजुट क्यूं नहीं हो सकते।

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