Water Crises In India: देश में कोरोना के बाद जल संकट ने दी दस्तक

जल हम सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है व सभी को इसकी जरुरत पड़ती है। बिना जल के जीवन तो मानो जैसे असंभव ही हो। दिन की शुरुआत होते ही और रात तक जल का हम सभी इस्तेमाल किया करते हैं। ये तो रही जल की महत्ता की बात पर क्या हम सभी इस चीज को मानते हैं। कहने का मतलब यह है कि देश में पानी का उचित इस्तेमाल नही हो रहा है। किसी को भी इसकी पर्वाह नही है लोगों को जल संरक्षण के विषय में ना तो पता है और ना ही वे जानना चाहते हैं। किसी को एक गिलास पानी पीना है तो वह पूरी बाल्टी कुएँ से निकालता है। इन सभी तमाम कारणों के चलते भारत के इन राज्यों में जल संकट आने वाला है। जिन राज्यों में जल संकट का खतरा ज्यादा है वे राज्य हैं पुणे, श्रीनगर, मुंबई, अमृतसर, बेंगलुरु, कोलकाता।

बताया जा रहा है कि देश के इन राज्यों समेत 30 अन्य राज्यों में भी जल संकट होने की अशंका जताई जा रही है। यदि बात करें व‌र्ल्ड वाइड फंड (WWF) की तो उसके एक अध्ययन में पाया गया है कि विश्व के 100 बड़े शहरों में 2050 तक जल संकट विकराल रूप ले चुका होगा। आंकड़ो का मानें तो इस होने वाले जल सकंट से करीब 35 करोंड़ लोग प्रभावित होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस के कारण वैश्विक स्तर पर अर्थिक संकट आ सकता है।

व‌र्ल्ड वाइड फंड (WWF) के भारत में एक निदेशक सेजल वर्थ (Sejal Warth)का कहना है कि भारत की पर्यावरणीय स्थिति भारत के शहरों पर निर्भर है। साथ ही कहा कि भारत में तेजी से विकास हो रहा है पर इस विकास के दौरान पर्यावारण की कितनी देख-भाल हो रही है इस पर ही भारत का भविष्य तय होगा। जल संकट के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हम जल को अपनी जरुरत के अनुसार प्रयोग करें तो शायद हम इस से उबर पाएं। इस से उबरने का एक मात्र तरीका यह ही है कि हम सभी को जल की महत्ता देखते हुए इसका सदउपयोग करना चाहिए। लोगों को इस विषय पर जागरुक करना होगा जिसके बाद ही हम इस महासंकट से उबर सकते हैं

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