यूपी उपचुनाव : लोकसभा की 2 सीटों पर मतदान जारी, तीन बजे तक 37 प्रतिशत मतदान

लखनऊ।  गोरखपुर और फूलपुर की लोकसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। मतदान सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक होगा। वहीँ वोटिंग शुरू होते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखुर में अपना मतदान किया। उन्होंने अपना वोट डालने के बाद उम्मीद जताई कि यूपी में दोनों सीटें बीजेपी के खाते में आएंगी।

फूलपुर लोकसभा सीट पर 3 बजे तक 26.60 प्रतिशत मतदान।

गोरखपुर लोकसभा में 3 बजे तक 37.00 फीसद मतदान हो गया।

फूलपुर लोकसभा सीट पर 1 बजे तक 19.2 फीसदी मतदान।

गोरखपुर लोकसभा में 1 बजे तक 30 फीसदी मतदान।

फूलपुर लोकसभा सीट पर 11 बजे तक 12 फीसदी मतदान।

गोरखपुर लोकसभा में 11 बजे तक 17 फीसदी मतदान।

 

इस तरह तीन  बजे तक कुल 31.75 प्रतिशत वोट पड़ गए थे। सभी जगह कड़ी सुरक्षा में शांति पूर्वक मतदान हो रहा है।

उपचुनाव

गोरखपुर और फूलपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज का दिन इतिहास बदलने का भी है और नया इतिहास बनाने का भी। सबको साथ लेकर निकलें और दिखा दें कि हमारी एकजुटता में कितनी ताकत है। इसके नतीजे देश-प्रदेश के भविष्य के लिए क्रांतिकारी और निर्णायक साबित होंगे।

संवेदनशील सीटें होने की वजह से इस उपचुनाव के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। उपचुनाव के लिए केंद्रीय पुलिसबलों समेत राज्य की पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है।

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बता दें कि यूपी में गोरखपुर और फूलपुर की लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के साथ-साथ बिहार के अररिया लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है, जबकि भभुआ और जहानाबाद में विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं।

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव-2017 में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को यूपी के सीएम का पद सौंपा गया तो वहीँ फूलपुर लोकसभा सीट पर विजयी हुए केशव प्रसाद मौर्य को यूपी का उपमुख्यमंत्री बनाया गया। जिसके बाद से ये दोनों ही सीटें खाली थीं जिसपर अब 11 मार्च को उपचुनाव हो रहे हैं। जिसके निताजों का ऐलान 14 मार्च को किया जाएगा।

बता दें कि गोरखपुर लोकसभा की सीट से 1952 में पहली बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजयनाथ 1967 निर्दलीय चुनाव जीता। फिर 1970 में योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने निर्दलीय जीत दर्ज की। 1971 से 1989 के बीच एक बार भारतीय लोकदल तो कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा।

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लेकिन 1989 के बाद से सीट पर गोरक्षपीठ का कब्ज़ा रहा। महंत अवैद्यनाथ 1998 तक सांसद रहे। उनके बाद 1998 से लगातार पांच बार योगी आदित्यनाथ का कब्ज़ा रहा।

लोकसभा उपचुनाव में वर्चस्व की लड़ाई जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी हर मुमकिन कोशिश की है। तो वहीँ विपक्षियों ने भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए एकजुटता का फार्मूला अपनाया है।

सपा-बसपा इस उपचुनाव में गठबंधन के साथ भाजपा का सामना कर रहे हैं तो वहीँ कोंग्रेस ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

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