पाक में मची हिंसा से 230 लोग घायल, अनिश्चित काल के लिए बुलाई गई सेना

इस्लामाबादइस्लामाबाद। राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले एक प्रमुख राजमार्ग की घेराबंदी कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक समूहों के प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बाद इलाके का माहौल बेहद संवेदनशील हो गया है। प्रदर्शनकारियों को हटाने में हुई झड़प से लगभग 230  लोग घायल हो गए हैं। हालात बिगड़ता देख पाकिस्तान की सरकार ने अनिश्चित काल के लिए सेना बुला ली है। बता दें, इस्लामिक संगठन के प्रदर्शन को समाप्त करने में पुलिस अभियान के असफल रहने के बाद सेना की तैनाती की गई है।

सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है।

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सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी निजी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर भी रोक लगा दी। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, ‘अब्बासी ने नवाज शरीफ के निर्देश पर मीडिया ब्लैक आउट के आदेश दिए हैं।’

गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में शांति कायम करने के वास्ते अनिश्चित काल के लिए सेना की तैनाती की जाएगी। संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत स्थिति नियंत्रण में करने को लेकर सेना की तैनाती की गई है।

इस घेराबंदी से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच प्रतिदिन सफर करते हैं। सरकार बल प्रयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने कल पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था।

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पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दिए गए नवाज शरीफ के आवास की ओर जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है। साथ ही सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को आवास तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस कमांडो तैनात किए गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन सभी जगहों पर बड़ी संख्या में पुलिस का दल तैनात किया है जहां शहर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके साथ ही शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों को सड़क मार्ग से यात्रा ना करने की सलाह दी गई है।

कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन

ये प्रदर्शनकारी देश के कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिन पर ईशनिंदा का आरोप लगा है। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूव्वत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष हुआ। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किए। प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है। प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है। लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाए जाने तक हटने से इनकार कर दिया है।

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