जाति विवाद पर फिर भड़की हिंसा, पत्थरबाजी-फायरिंग कर दी गई अंबेडकर को सलामी!

नई दिल्ली। 127वीं अंबेडकर जयंती के अवसर पर पूरे देश में जगह-जगह बाबा भीमराव अंबेडकर की याद में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान कई जगहों पर हिंसा पनप गई। दरअसल बीते दिनों में SC-ST एक्ट में बदलाव को लेकर अनूसूचित जाति के समुदाय ने विरोध जताया था। उस दौरान हिंसा के कई मामले सामने आए वही शनिवार को एक बार फिर लोगों के बीच जाति के नाम पर दंगल छिड़ गया। बता दें हिंसा के मामले में गुजरात और पंजाब चर्चा में हैं।

यह भी पढ़ें : CBI की शुरूआती जांच में खुला सेंगर का काला चिट्टा, युवती का फिर होगा मेडिकल टेस्ट

अंबेडकर जयंती

अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पंजाब के फगवाड़ा में हिंसा की बात सामने आई है।

खबरों के मुताबिक़ कपूरथला जिले के फगवाड़ा में पेपर चौक पर संविधान स्थल पर डॉ। भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति लगी है। बीती देर रात किसी ने अफवाह फैला दी कि कुछ लोग वहां तोड़फोड़ कर रहे हैं।

यह अफवाह आग की तरह वहां फैल गई और भारी संख्या में दलित समुदाय के लोग वहां जमा हो गए। दूसरे तरफ से कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोग भी आ गए।

यह भी पढ़ें : उन्नाव रेप केस: लंबी पूछताछ के बाद आरोपी बीजेपी विधायक को CBI ने किया गिरफ्तार

इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। जो बाद में गोलीबारी में बदल गई। दोनों तरफ से फायरिंग हुई, जिसमें दो लोगों को गोली लग गई। जबकि 6 अन्य लोग घायल हो गए।

सभी को उपाचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले वहां कई वाहनों में भी तोड़-फोड़ की गई।

शनिवार की सुबह कुछ बीजेपी के कुछ नेताओं ने संविधान स्थल की तरफ जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने बामुश्किल हालात को काबू में किया।

इलाके में अब कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। जिले के एसपी परमिंदर सिंह भण्डाल खुद मौके पर डेरा डाले हुए हैं।

बता दें अंबेडकर जयंती के अवसर पर सभी राजनीतिक दल दलितों को रिझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी के चलते गृह मंत्रालय इस मौके पर किसी भी तरह के जातीय और सियासी बवाल को रोकने के लिए अलर्ट जारी किया है।

जहां भी जयंती पर आयोजन किए जा रहे हैं, वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी राज्य सरकारों को गृह मंत्रालय की तरफ से सर्तक रहने के लिए कहा गया है।

वहीं दूसरी ओर गुजरात के अहमदाबाद में आंबेडकर जयंती के मौके पर बीजेपी सांसद किरीट सोलंकी को लोगो ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोकने के लिए विरोध करना शुरू कर दिया।

दरअसल आंबेडकर जयंती से पहले अनुसूचित जाति के नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने धमकी दी थी कि किसी भी बीजेपी नेता को बाबा साहब की मूर्ति पर माला य फूल नहीं चढ़ाने देंगे अगर ऐसा हुआ तो ठीक नहीं होगा। इसी आधार पर विरोध करने वाले लोगो को जिग्नेश का समर्थक माना जा रहा हैं।

मेवाणी ने यह धमकी एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सरकार का विरोध करने के दी था। हालांकि विरोध करने वाले लोगो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं।

इस मामले पर बातचीत करते हुए बीजेपी नेता सोलंकी ने कहा कि बाबा साहब हमारे देवता हैं, जिग्नेश कौन होता है, हमें उन्हें फूल चढ़ाने से रोकने वाला? नेता ने यह भी कहा कि बाबा साहब के द्वारा किये गये महान कार्यो के बदले उनका सम्मान करना हमारा फर्ज हैं।

मेवाणी ने कहा  था कि पीएम मोदी फालतू के मुद्दो पर चीखते रहते हैं लेकिन वास्तविकता पर चुप्पी साध लेते हैं, अब तक 11 अनुसूचित जाति के लोग मारे गए हैं, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। ऊना पीड़ितों के मामले में भी उन्होंने एक शब्द नहीं बोला।

LIVE TV