Vijay Diwas 2020 : भारत-पाकिस्तान के बीच चार बार हुए है युद्ध , जानिए कुछ अहम बातें
विजय दिवस 2020 : 16 दिसंबर भारत इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण कहा जाता है | यह दिन हमारे शहीद जवानों के रूप में मनाया जाता है | हर साल देश पर कुर्बान करने वाले जवानों की याद में हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है |
16 दिसंबर की खासियत –
वर्ष 16 दिसंबर 1971, यही वह तारीख थी, जब भारत ने युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। इस युद्ध में करीब 3,900 भारतीय और 93 हजार पाकिस्तान पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था और पूर्वी पाकिस्तान आजाद हुआ था, जिसे आज हम बांग्लादेश के नाम से जानते हैं। इस युद्ध से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जो आज भी याद की जाती हैं और भारत की विजय गाथा सुनाई जाती हैसैनिक शहीद हुए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे।
16 दिसंबर की सुबह जनरल जैकब को मानेकशॉ का संदेश मिला कि आत्मसमर्पण की तैयारी के लिए तुरंत ढाका पहुंचें। नियाज़ी के पास ढाका में 26400 सैनिक थे, जबकि भारत के पास सिर्फ 3000 सैनिक और वे भी ढाका से 30 किलोमीटर दूर। जैकब जब नियाज़ी के कमरे में घुसे तो वहां सन्नाटा छाया हुआ था. आत्म-समर्पण का दस्तावेज़ मेज़ पर रखा हुआ था।पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा वहां पहुंचने वाले थे।
भारत -पाकिस्तान के हुए इस युद्ध में दोनों तरफ के करीब 4000 हजार सैनिक शहीद हुए थे , और ऐसा कहा जाता है की युद्ध के दौरान बांग्लादेश के करीब 3 लाख से अधिक लोग मारे गए थे |
उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चाहती थीं कि अप्रैल में पाकिस्तान पर आक्रमण किया जाए। इस बारे में इंदिरा गांधी ने थलसेनाध्यक्ष जनरल मानेकशॉ की राय ली। मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी से स्पष्ट कह दिया कि वे पूरी तैयारी के साथ ही युद्ध के मैदान में उतरना चाहते हैं।
इस युद्ध की पृष्ठभूमि साल 1971 की शुरुआत से ही बनने लगी थी। पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहिया ख़ां ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश दे दिया था।