गुजरात चुनाव से पहले भाजपा को लगा तगड़ा झटका, राज्य में एबीवीपी की करारी हार से बैकफुट पर पार्टी

गुजरात चुनाव में जीतनई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी एक ओर जहां गुजरात चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं वहीं पीएम मोदी के गढ़ से ही चुनाव के ठीक पहले भाजपा के लिए बुरी खबर सामने आई है। दरअसल गुजरात केन्द्रीय विश्विद्यालय के छात्र परिषद चुनाव में एबीवीपी को करारी शिकस्त मिली है। जिससे चुनाव से ठीक पहले भाजपा की तमाम तैयारियों को झटका लगा है। इस चुनाव में दलित और वामपंथी समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने एबीवीपी को करारी मात दी है।

खबरों के मुताबिक़ छात्र परिषद के चुनाव में एबीवीपी के खिलाफ मैदान में उतरे दलित और वामपंथी छात्र संगठनों, बापसा और एलडीएसफ ने निर्दलीय उम्मीदवारों को सपोर्ट किया था। वहीं एबीवीपी के खिलाफ कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई और यूनाइटेड ओबीसी फोरम ने भी इनका समर्थन किया था।

धर्म संसद में गरजे स्वामी नरेंद्र नाथ, मोबाइल छोड़ हथियार उठाएं हिन्दू

बताते चलें कि विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित विभाग ‘स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज’ में दिलीप कुमार को जीत हासिल हुई है। इसके अलावा स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में केरल के स्वतंत्र उम्मीदवार अरविंद नामपूथिरी ने बाजी मारी है। वहीं अर्जुन पटेल और विपिन सिंह ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में एबीवीपी के खिलाफ बड़े अंतर से जीत दर्ज की है।

इस मौके पर ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेंस एसोसिएशन (एपवा) की महासचिव और जेएनयू छात्र संघ में ज्वाइंट सेक्रेटरी रहीं कविता कृष्णन का कहना है “गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस जीत की काफी अहमियत है। इससे साफ नजर आ रहा है कि देश का मूड बदल रहा है। यही नहीं विकास के जिस गुजरात मॉडल की तारीफ की जा रही थी अब उसकी हवा निकल रही है।”

केजरीवाल ने पार की सारी हदें, भाजपा को बताया पाकिस्तान का सपना साकार करने वाली पार्टी

गौरतलब है कि लिंगदोह समिति के नियमों के अनुसार गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय में छात्र परिषद है, यहां छात्र संघ नहीं है। इसमें प्रत्येक स्कूल से दो प्रतिनिधि भेजे जाते हैं। जिसमें से एक को नामांकित किया जाता है और दूसरा प्रतिनिधि चुना हुआ होता है।

LIVE TV