लोक सेवा आयोग का बड़ा बदलाव, अभ्यर्थियों के लिए बना परेशानी का सबब

इलाहाबाद। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक बुरी खबर सामने आयी है। दरअसल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के फैसले से छात्रों को निराशा सामना करना पड़ा है। ये फैसला आयोग द्वारा आयोजित आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू हो जाएगा। अचानक बदले गये नियम से छात्रों को निराशा हाथ लग सकती है। सरकार द्वारा पहले ही लंबित भर्तियों का दंश झेल रहे छात्रों को ये फैसला रास नहीं आ रहा है।

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पूरा मामला ये है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने फोटो कोडिंग इंटरव्यू नियम को फिर से लागू कर दिया है। इसका प्रयोग अभ्यर्थी के इंटरव्यू के समय किया जाता था। तत्कालीन मीडिया रिपोर्टस के अनुसार फोटो कोडिंग इंटरव्यू पर अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष से शिकायत की थी। अभ्यर्थी ने आरोप लगाया था कि फोटो के जरिए चयन में पक्षपात होता है।

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इस पर तत्कालीन आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार जैन ने आदेश जारी कर फोटो कोडिंग इंटरव्यू नियम में बदलाव कर दिया था और नई व्यवस्था के तहत इंटरव्यू बोर्ड के समक्ष केवल अभ्यर्थी को आवंटित कोड ही भेजा जाने लगा।

इसी नियम से अब तक कई भर्तियां संपन्न हुई, लेकिन अब इस नियम को समाप्त कर पुराने फोटो कोडिंग इंटरव्यू वाले नियम को लागू कर दिया गया है। बता दें इससे पारदर्शिता पर सवाल उठेगा, पूर्व मे जब उप्र लोकसेवा आयोग में फोटो कोडिंग इंटरव्यू वाले नियम को बदला गया तो मंशा साफ थी कि भर्तियों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी।

इससे विशेष लोगों के चयन पर तो रोक लगी ही थी अभ्यर्थियों में भी पारदर्शिता का साफ सुथरा संदेश जा रहा था, लेकिन अचानक से हो रहे इस बदलाव से अब फिर सवाल उठने लाजमी हैं।

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यह सर्वविदित है कि प्रदेश के उच्च स्तरीय पदों पर लोकसेवा आयोग से ही अभ्यर्थियों का चयन होता है और वह इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरते हैं। यहाँ सवाल ये है कि अगर यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो तो आखिर इसमे किसी का क्या नुकसान होगा ? खैर वजह जो भी इससे छात्रों के बीच असंतोष जरूर बढेगा।

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