
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं और एनडीए ने 202 सीटों के साथ भारी बहुमत हासिल कर लिया है। भाजपा को 89 सीटें मिलीं, जबकि जेडीयू के पास 85 सीटें हैं। महागठबंधन को महज 35 सीटें ही नसीब हुईं, जिसमें आरजेडी की 25 और कांग्रेस की 6 सीटें शामिल हैं। शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में जश्न का दौर चला, लेकिन कई हाईप्रोफाइल सीटों पर बड़े नामों को करारी शिकस्त मिली।
इनमें भोजपुरी सितारों से लेकर फेमस यूट्यूबर्स तक शामिल हैं, जिनकी उम्मीदवारी चुनावी चर्चाओं का केंद्र रही। आइए जानते हैं उन प्रमुख हारने वालों के बारे में, जिन्होंने मैदान संभालने की पूरी कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।
सबसे पहले बात भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव की। वे छपरा सीट से आरजेडी के टिकट पर लड़े, जहां उन्होंने जोरदार प्रचार किया और विरोधियों पर तीखे हमले बोले। लेकिन नतीजों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। एनडीए के उम्मीदवार ने यहां भारी मार्जिन से जीत दर्ज की, जो यादव के फैन बेस के बावजूद एक बड़ा झटका है।
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी महुआ सीट पर करारी हार मिली। अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के टिकट पर उतरते हुए वे तीसरे स्थान पर सिमट गए। पहले चरण के मतदान के बाद तेज प्रताप ने जीत का दावा किया था, लेकिन नतीजे उलट गए। एनडीए के उम्मीदवार ने 25,000 से अधिक वोटों से उन्हें पछाड़ दिया। यह हार यादव परिवार के लिए राजनीतिक रूप से बड़ा धक्का है।
वैशाली जिले की लालगंज सीट पर बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को भी पटखनी मिली। आरजेडी की टिकट पर लड़ीं शिवानी को भाजपा के संजय कुमार सिंह ने 32,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया। शिवानी का चेहरा जिले में चर्चित था, लेकिन स्थानीय मुद्दों पर एनडीए की मजबूत पकड़ ने उन्हें बाहर कर दिया।
भोजपुरी मेगा स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह काराकाट सीट से जेडीयू के टिकट पर उतरीं। उन्होंने व्यापक प्रचार अभियान चलाया, जिसमें पति के फैंस का भी सहारा लिया। लेकिन नतीजे निराशाजनक रहे। सीपीआई(एमएल) के डॉक्टर अरुण कुमार ने 2,836 वोटों से जीत हासिल की। जेडीयू के महाबली सिंह को 71,321 वोट मिले, जबकि ज्योति को केवल 23,469। 11 नवंबर को हुए मतदान के बाद यह सीट विपक्ष के लिए छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जीत बनी।
रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र में जन सुराज ने भोजपुरी सुपरस्टार रितेश पांडे को उतारा था। यह सीट चुनावी रूप से रोचक रही, लेकिन रितेश की कोशिश नाकाम रही। जेडीयू के बशिष्ठ सिंह ने 35,676 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की, जबकि रितेश को महज 16,298 वोट ही मिले। जन सुराज का यह दांव उलटा पड़ गया, जो पार्टी के लिए बड़ा सबक है।
चनपटिया सीट ने सबसे ज्यादा चौंकाया, जहां फेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप को 50,366 वोटों से हार मिली। वे निर्दलीय लड़े, लेकिन कांग्रेस के अभिषेक रंजन ने 87,538 वोट लेकर जीत हासिल की। अभिषेक ने भाजपा के उमाकांत सिंह को महज 602 वोटों से हराया, जो इस सीट पर भाजपा की लगातार छह जीतों का सिलसिला तोड़ने वाली बात है। मनीष की सोशल मीडिया पॉपुलैरिटी के बावजूद वोटर्स ने स्थापित दलों को तरजीह दी।
ये हारें न सिर्फ व्यक्तिगत झटके हैं, बल्कि विपक्षी दलों की रणनीति पर सवाल भी खड़े करती हैं। एनडीए की जीत महिलाओं के वोट और विकास के मुद्दों पर केंद्रित रही, जबकि सेलिब्रिटी उम्मीदवारों का फॉर्मूला फेल साबित हुआ। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये नतीजे 2026 के बंगाल चुनावों के लिए भी संकेत दे रहे हैं।





