उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ के आसपास के क्षेत्र को आधिकारिक तौर पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के रूप में नामित किया है।

अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह घोषणा उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश, 2024 (यूपी अध्यादेश 4, 2024) की धारा 3 की उपधारा (1) में निहित शक्तियों के अंतर्गत आती है। नवगठित उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में राजधानी लखनऊ (2,528 वर्ग किमी) के साथ-साथ हरदोई (5,985 वर्ग किमी), सीतापुर (5,743 वर्ग किमी), उन्नाव (4,558 वर्ग किमी), रायबरेली (4,609 वर्ग किमी) और बाराबंकी (4,402 वर्ग किमी) के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किमी होगा।
इस घोषणा के साथ ही राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की स्थापना की है, जो विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन की देखरेख करेगा तथा नव परिभाषित क्षेत्र में संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर लखनऊ के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र को विकसित करने का निर्णय लेने के कुछ महीनों बाद, 6 मार्च को राज्य मंत्रिमंडल ने इस परियोजना के मसौदे को मंजूरी दे दी थी। इसके लिए तथा अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश भी पारित किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर, राज्य राजधानी क्षेत्र का उद्देश्य लखनऊ के आसपास के क्षेत्र का नियोजित विकास सुनिश्चित करना है। हरदोई, सीतापुर, उन्नाव आदि पड़ोसी जिलों को इसमें शामिल किया जाएगा और उनके विकास के लिए योजना बनाई जाएगी।”