‘राफेल सौदे से एचएएल को बाहर करने के लिए संप्रग जिम्मेदार’

नई दिल्ली। राफेल सौदे पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यहां कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार जेट सौदे में हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड(एचएएल) की उपेक्षा किए जाने के लिए जिम्मेदार है। सीतारमण ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, “एचएएल के बारे में सारे आरोप जो हमपर मढ़े जा रहे हैं..इसके बारे में हमें नहीं, संप्रग को जवाब देना है कि क्यों डसॉल्ट और एचएएल के बीच समझौता नहीं हुआ।”

निर्मला सीतारमण

उन्होंने कहा, “संप्रग सरकार एचएएल के ऑफर को मजबूत करने के लिए कुछ कर सकती थी, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसकी शर्तें डसॉल्ट को आकर्षित करें। वे समझौता को पूरा करने के लिए शर्तो को आकर्षक बनाने के लिए सबकुछ कर सकते थे।”

सीतारमण ने कहा, “एचएएल को नहीं चुने जाने का पूरा मुद्दा संप्रग के समय में हुआ था, इसलिए ये सब सवाल जो वे हमारी तरफ उछाल रहे हैं, उनका जवाब वास्तव में उन्हें देना चाहिए। आपने एचएएल का ध्यान नहीं रखा, आपने एचएएल की शर्तो को डसॉल्ट के साथ समझौता करने के लिए आकर्षक नहीं बनाया।”

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इससे पहले दिन में कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.के. एंटनी ने सीतारमण पर उनके बयान से एचएएल की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। सीतारमण ने कहा था कि एचएएल के पास राफेल निर्माण की आवश्यक क्षमता नहीं है।

सीतारमण ने एंटनी के उन आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने 2000 में भारतीय वायुसेना द्वारा मांगे गए 136 विमानों को घटाकर 36 विमान करने पर मोदी सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है।

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रक्षामंत्री ने कहा, “उन्होंने समझौता किया था, इसलिए वे जानते हैं कि वे कैसे आगे बढ़े। ये ओवर-द-काउंटर खरीद नहीं है..आर्डर दिए जाते हैं और उसके बाद इसका विनिर्माण होता है, इसलिए इसके लिए एक समयसीमा होती है।”

उन्होंने कहा, “सरकार ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए मामले का संसद में जवाब दिया है, जिसमें बेसिक विमान के मूल्य के बारे में भी जवाब दिया गया। यह हमारा कर्तव्य था कि हम बेहतरीन मूल्य सुनिश्चित करें। बेसिक विमान के लिए जो कीमत आप(संप्रग) दे रहे थे, उसकी तुलना हमारे अंतरसरकारी समझौते के साथ की जाए तो, यह नौ प्रतिशत सस्ता है, और यह सच्चाई है।”

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