योगी सरकार ने जारी किया नया फरमान, अब कप्तान करेंगे महापुरुषों की प्रतिमाओं की सुरक्षा
आधुनिक राजनीति में युवा नेतृत्व का होना तो देश और समाज के लिए हितकर है। लेकिन धीरे-धीरे राजनीति करने का तरीका जरुर बदलता जा रहा है। आलम ये है कि आजकल कोई बुनियादी मांग के लिए नहीं बल्कि मूर्ति तोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की घटना आपको बखूबी याद ही होगा। जहां संविधान निर्माता बी. आर. आंबेडकर की मूर्ति के साथ कई जगह छेड़छाड़ की गई। यही वजह है कि सरकार इन करतूतों को रोकने के लिए अब सख्त हो गई है।
दरअसल, डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर की मूर्तियों को तोड़े जाने को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। मामले में गृह विभाग प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है।
प्रतिमाओं की सुरक्षा करेंगे पुलिस कप्तान
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार द्वारा जारी निर्देशों में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों के एसएसपी, एसपी को पत्र लिखा है। इसमें निर्देश दिया गया है कि महापुरुषों की प्रतिमाओं की सुरक्षा पुलिस करे। साथ ही कहा गया है कि प्रतिमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस कप्तान की है। हर जिले में जितने भी महापुरुषों की मूर्तियां हैं, उस जिले की कप्तान की जिम्मेदारी होगी।
बता दें उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक नौ आम्बेडकर की मूर्तियों को तोड़ने का मामला सामने आया है। लेकिन सभी मामलों में पुलिस ने सिर्फ रिपोर्ट ही दर्ज की है। किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
कई बार हो चुकी है आम्बेडकर की प्रतिमाओं से छेड़छाड़
इससे पहले 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान बुलंदशहर के गांव जाड़ौल में अराजक तत्वों ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर की प्रतिमा तोड़ दी थी। ग्रामीणों ने पुलिस पर प्रतिमा तोड़ने का आरोप लगाते हुए औरंगाबाद-जहांगीराबाद रोड जाम कर दिया।
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इससे पहले 8 मार्च को मेरठ के खुर्द गांव में आम्बेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई। जिसके बाद दलितों आक्रोशित हो गए। जिला प्रशासन ने दूसरी मूर्ति लगाकर मामले को शांत करवाया। इस मामले में भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
मेरठ के बाद 10 मार्च को आजमगढ़ जिले के राजापट्टी गांव में आंबेडकर की मूर्ति तोड़ने का मामला सामने आया। 16 मार्च को उन्नाव के बांगरमऊ में मूर्ति तोड़कर तनाव फैलाने की कोशिश हुई। 19 मार्च को आजमगढ़ में एक बार फिर आम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी गई। असामाजिक तत्वों ने बछवाल गांव में मूर्ति तोड़ दी।
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सिलसिला यहीं नहीं थमा 31 मार्च को एक बार फिर इलाहाबाद के त्रिवेणीपुरम में आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने का मामला सामने आया। इसी दिन सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज के गौहनिया गांव में आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई। 31 मार्च को मूर्ति तोड़ने की तीसरी घटना हाथरस से सामने आई। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने इन सब घटनाओं पर विराम लगाने के लिए पुलिसिया तरीका अपनाया है।
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