UP बोर्ड की लापरवाही ने छीन लिया छात्रा का सम्मान वरना पूरे प्रदेश में होती बल्ले-बल्ले

रिपोर्ट- विपिन शर्मा

उन्नाव। यूपी बोर्ड की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है और बोर्ड की इस बड़ी लापरवाही का खामियाजा उन्नाव की एक छात्रा को उठाना पड़ा। आपको बता दे कि हाईस्कूल बोर्ड की परीक्षा में बीघापुर क्षेत्र के अलावलपुर गांव की रहने वाली छात्रा आँचल सिंह को परीक्षा परिणाम में 600 में 522 अंक प्राप्त हुए। बीघापुर क्षेत्र के त्रिवेणी काशी इंटर कालेज की छात्रा आँचल को विज्ञान विषय की लिखित परीक्षा में 70 में से 23 अंक मिले थे। जिसके बाद परिजनों और शिक्षको की डांट भी आँचल को खानी पड़ी।

aanchal singh

आँचल ने स्क्रूटनी करवाई लेकिन नंबर नही बढ़े। जिसके बाद आँचल ने आरटीआई को हथियार बना कर कापियां देखी तो कॉपी में 62 अंक दिए गए थे। जिसके बाद बोर्ड ने सुधार करने और सही अंक तालिका उपलब्ध करवाने की बात कही थी।

यूपी बोर्ड की कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। उन्नाव की होनहार छात्रा आँचल ने यूपी बोर्ड को आइना दिखाने का काम किया है। हाईस्कूल परीक्षा की विज्ञान विषय की लिखित परीक्षा में 70 में से 62 अंक मिलने के बाद भी अंक तालिका में सिर्फ 23 अंक ही चढ़े थे। संसोधित मार्कशीट देने के नाम पर बोर्ड लगातार टाल मटोल कर रहा था जिसके बाद छात्रा और उसके परिजनों ने न्यायालय की शरण ली और एक याचिका दायर की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने विज्ञान विषय की कॉपी दोबारा जांचने के निर्देश दिए और बोर्ड को नोटिस भेजा।

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हाईकोर्ट के आदेश के बाद बोर्ड की नींद टूटी और आनन फानन में छात्रा आँचल के विज्ञान में 39 नम्बरों की बढ़ोतरी के साथ सही नम्बरों के साथ नई अंक तालिका उसे उपलब्ध करवाई गई। जिसके बाद आँचल के कुल प्राप्तांक 522 से बढ़ कर 561 हो गयी। 39 अंक बढ़ने के बाद आँचल का यूपी बोर्ड की परीक्षा की मेरिट में भी सातवाँ स्थान आ गया। होनहार छात्रा आँचल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यूपी बोर्ड लापरवाह है। और ऐसे ही कितने और छात्र छात्राओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। हालांकि आँचल के परिवार में खुशी साफ देखी जा रही है।

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