स्पेशल तकनीक से होगा बच्चों का ऑपरेशन, नहीं रहेगा जान का Risk
रिपोर्ट- अवनीश कुमार
लखनऊ। बच्चों में होने वाली मूत्र सम्बन्धी बीमारियों का इलाज करने वाले पीडियाट्रिक रोबोटिक यूरोसर्जन डॉ. वी श्रीपति ने जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने बच्चों में रोबोटिक सर्जरी से इलाज की नई तकनीक बताई।
बच्चों में होने वाली मूत्र संबन्धी बीमारियों का इलाज करने वाले चेन्नई के पीडियाट्रिक रोबोटिक यूरोसर्जन डॉ. वी श्रीपति ने मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी की तुलना रोबोटिक सर्जरी से करते हुए बताया कि सच यह है कि एमआईएस में सर्जरी की सफलता काफी हद तक उस असिस्टेंट के हाथ में होती है जो कैमरे वाले उपकरण को पकड़ता है, इसी उपकरण के जरिये सर्जन को सर्जरी के दौरान मॉनीटर पर सर्जरी करनी होती है, इस असिस्टेंट की एक चूक मरीज के लिए हानिकारक हो सकती है।
जबकि इससे अलग रोबोटिक सर्जरी में जिस उपकरण से सर्जन ऑपरेट करता है उसी में कैमरा लगा होता है, यानी पूरा कंट्रोल सर्जन के हाथ में रहता है। उन्होंने बताया कि समय के साथ सर्जरी की तकनीक में तरक्की होती रही है, ओपन सर्जरी में लंबा चीरा लगाने के साथ ही मरीजों को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है।
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जिसके बाद लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ने न केवल छोटे चीरों से बड़ी से बड़ी सर्जरी को सुलभ व गुणवत्ता युक्त बना दिया, बल्कि कम ब्लीडिंग और अस्पताल में कम दिन रहने की सुविधा भी मिल गई। इसी क्रम में ही रोबोट सर्जरी तकनीक ने लेप्रोसर्जरी की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए जटिल से जटिल सर्जरी को आसान बना दिया है।