UP: कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा- प्रियंका गांधी

उत्तर प्रदेश। देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए लॉतकडाउन जारी है. ऐसे में कई प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. उनको घर पहुचाने कि सरकार की कोशिशें जारी है. इसमें राज्या सरकारें भी अपनी पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन इसके बावजूद कई मजदूर अपने घरों को पहुंचने के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को रोकने को लेकर सियासत गर्म हो गई है. राज्य की योगी सरकार पर विपक्षी दल हमलावर हो गया है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा. ज्यादा ट्रेनें चलाइए, बसें चलाइए. उन्होंने कहा कि हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए.

 

 

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. वो धूप में पैदल चल रहे हैं, आज वो घंटों खड़े रखे जा रहे हैं. उन्हें अंदर आने नहीं दिया जा रहा. उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है. जीविका ठप पड़ी है. उन्होंने कहा कि हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं, उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा.’

दरअसल, पैदल उत्तर प्रदेश जा रहे प्रवासी मजदूरों को दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर रोक दिया गया. जिसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. देश के दूर दराज के इलाकों से स्पेशल ट्रेन के जरिये दिल्ली में पहुंचे सैकड़ों लोग शनिवार को दिल्ली यूपी सीमा पर भटकते रहे. वजह थी दिल्ली पुलिस इन्हें गाजियाबाद सीमा पर डीटीसी बसों में छोड़ने पहुंच गई, जबकि गाजियाबाद पुलिस प्रशासन दिल्ली पुलिस के पास मौजूद सैकड़ों लोगों को अवैध तरीके से आया हुआ बताकर उन्हें सीमा में प्रवेश कराने की अनुमति नहीं दे रही थी. अंतत: भीड़ का रुप लेते जा रहे लोगों को गाजियाबाद पुलिस ने वापस दिल्ली पुलिस के ही हवाले करके लौटा दिया.

यह तमाशा रुक रुककर शनिवार को दोपहर बाद से ही शुरू हो गया था. शाम ढले जब दिल्ली से गाजियाबाद आने वाले वाहन गाजीपुर बार्डर पर पहुंचने लगे, तो भीड़ का सा आलम हो गया. देखने से ऐसा लगने लगा मानों जाम लग गया हो. हालांकि यह सब अचानक इकट्ठी हुई भीड़ के चलते हुआ. यह वही भीड़ थी जो विशेष ट्रेनों से बाहरी राज्यों से दिल्ली आयी थी. दिल्ली पुलिस ने इन सबको डीटीसी बसों में भरकर गाजीपुर, कौशांबी (आनंद विहार) दिल्ली-यूपी सीमा पर छोड़ दिया. बाद में लगातार बढ़ती मजदूरों की भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इन मजदूरों को डीटीसी बसों से शेल्टर होम ले जाने की व्यवस्था की है, जहां से बाद में इन्हें इनके गृह जनपद में ट्रेनों के जरिए भेजा जाएगा.

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