ट्रंप ने मंदी के बाद कठोर हुए कानूनों को किया सरल

वाशिंगटन। साल 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद 2010 में डोड-फ्रैंक अधिनियम के पारित होने से कठोर हुए आर्थिक कानूनों को सरल बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कानून पारित कर दिया।

समाचार एजेंसी एफे ने ट्रंप के हवाले से कहा, “आज (गुरुवार) मैं जो कानून पारित कर रहा हूं, इससे देश भर के सामुदायिक बैंक और साख संघों का दमन करने वाला डोड-फ्रैंक कानून को वापस हो जाएगा।”

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डोनाल्ड ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने डोड-फ्रैंक अधिनियम को विध्वसंकारी बताया।

कार्यक्रम में ट्रंप के अलावा वित्तमंत्री स्टीव नुशिन, उपराष्ट्रपति माइक पेंस इस कानून को पारित करने के लिए अपने राजनीतिक दल को छोड़ने वाले कुछ सांसद भी शामिल थे।

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डोड-फ्रैंक अधिनियम ने वार्षिक जोखिम परीक्षण से गुजरने तथा बैंकों को उनके उपभोक्ताओं की जमा रकम से उच्च जोखिम वाले निवेश करने की क्षमता कम करने के लिए बैंकों की पूंजी को सुदृढ़ किया, बड़े वित्तीय संस्थानों पर नकेल कसी थी।

ट्रंप के यह अधिनियम पारित करने से छोटे बैंकों और वित्तीय कंपनियों पर डोड-फ्रैंक के प्रतिबंध कम होंगे। नए कानून के पारित होने के बाद छोटे बैंकों और वित्तीय संस्थानों की न्यूनतम परिसंपत्ति की अनिवार्यता 50 अरब डॉलर से बढ़ाकर 250 अरब डॉलर कर दी गई है।

अधिनियम के समर्थकों का कहना है कि उनका लक्ष्य सामुदायिक बैंक जैसे छोटे संस्थानों की सहायता करना है।

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