उड्डयन मंत्रालय पर भारी पड़ा ट्रांसजेंडर, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

ट्रांसजेंडर की नौकरीनई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर की नौकरी संबंधी याचिका पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने एयर इंडिया में केबिन क्रू के रूप में नौकरी के लिए दिए गए ट्रांसजेंडर के आवेदन को अस्वीकार करने के एक मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए मंत्रालय को अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

याचिकाकर्ता ने ट्रांसजेंडर होने के कारण मेडिकल बोर्ड की ओर से उसके आवेदन को अस्वीकार करने के फैसले को अदालत में चुनौती दी है।

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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है।

याचिकाकर्ता शावानी ए पुनुसामी के वकील के. पी. सिंह ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करते समय शावानी ने अपने आवेदन में खुद के ट्रांसजेंडर होने का खुलासा किया था और उनका चयन हो गया था।

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सिंह ने बताया कि पुनुसामी का अकादमिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है और उन्होंने हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। साथ ही वह बीटेक में भी गोल्डमेडलिस्ट हैं।

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