आज का इतिहास: देश को मिला साहित्य सम्राट, इसी दिन शहीद उधम सिंह ने दिया बलिदान

हिन्दी साहित्य के अनमोल रत्न कहे जाने वाले मुंशी प्रेमचंद का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी जिले के लमही गाँव में हुआ था। मुंशी प्रेमचंद का नाम हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मुंशी प्रेमचंद का मूल नाम धनपत राय था लेकिन इनको नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है।

मुंशी प्रेम चंद

उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट के नाम से संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया।

आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे।

बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं।

 

लन्दन में उधम सिंह ने लिया जलियां वाला बाग  हत्याकांड का बदला

उस दिन काक्सटन हॉल, लन्दन Caxton Hall, London में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन East India Association और रॉयल सेंट्रल एशियाई सोसाइटी Royal Central Asian Society का मीटिंग था। लगभग शाम 4.30 बजे उधम सिंह ने पिस्तौल से 5-6 गोलियां सर माइकल ओ द्व्येर  पर चलायीं और वहीँ उसकी मौत हो गयी।

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इस गोलीबारी के समय भारत के राज्य सचिव को भी Secretary of State for India चोट लग गयी जो इस सभा के प्रेसिडेंट President थे। सबसे बड़ी बात तो यह थी की उधम सिंह को यह करने का कोई भी डर नहीं था। वे वहां से भागे भी नहीं बस उनके मुख से यह बात निकली की  “मैंने अपने देश का कर्तव्य पूरा कर दिया”।

शहीद उधम सिंह की मृत्यु

1 अप्रैल, 1940, को उधम सिंह को जर्नल डायर Sir Michael O’Dwyer को हत्यारा माना गया। 4 जून 1940 को पूछताच के लिए सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट, पुराणी बरेली Central Criminal Court, Old Bailey में रखा गया था अलाकी उन्हें जस्टिस एटकिंसन Justice Atkinson के फांसी की सजा सुना दी थी। 15 जुलाई 1940 में एक अपील दायर की गयी थी उन्हें फांसी से बचाने के लिए परन्तु उसको खारीच कर दिया गया। 31 जुलाई 1940 को उधम सिंह को लन्दन के Pentonville जेल में फांसी लगा दिया गया।

 

आज का इतिहास

31 जुलाई की महत्वपूर्ण घटनाएँ

1933 – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमेशा के लिए साबरमती आश्रम छोड़ा।

1948 – भारत में सबसे पहली राज्य परिवहन सेवा पश्चिम बंगाल में (कलकत्ता) राज्य परिवहन निगम की स्थापना की गई।

 

1498 – क्रिस्टोफर कोलंबस अपनी तीसरी यात्रा के दौरान त्रिनिदाद द्वीप पर पहुंचे।

1982 – सोवियत संघ ने परमाणु परीक्षण किया।

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1992 – नेपाल की राजधानी काठमांडू में थाईलैंड का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से 113 लोगों की जानें गईं।

1993 – भारत के पहले तैरते हुए समुद्री संग्रहालय का कलकत्ता (अब कोलकाता) में उद्घाटन।

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1998 – सार्क का दसवां शिखर सम्मेलन श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में सम्पन्न।

2003 – इस्रायल और फ़िलिस्तीन के सुरक्षा मंत्रियों की बैठक येरूशलम में समाप्त।

आज जन्में व्यक्ति

1907- भारत के प्रसिद्ध विद्वान, भाषा-वैज्ञानिक और गणितज्ञ दामोदर धर्मानंद कोसांबी का जन्म 31 जुलाई 1907 को हुआ था।

1916 – प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया का जन्म 31 जुलाई 1916 को हुआ था।

 

1922 – अमेरिकी लेखक बिल केसिंग का जन्म 31 जुलाई 1922 को हुआ था।

1947 -प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री मुमताज़ का जन्म 31 जुलाई 1947 को हुआ था।

आज के महत्वपूर्ण उत्सव और अवसर

गणेश चतुर्थी

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