भोले बाबा को खुश करने के लिए सावन मास होता है खास

रिपोर्ट- राजन गुप्ता 

मिर्जापुर। सावन मास शुरू होते ही हर शहर, हर गली जोगिया वस्त्र धारी भोले भक्तों का हुजूम दिखाई देने लगता है और एक ही नारे से पूरा वातावरण गुंजायमान रहता है। वह नारा है बोल बम, बोल बम। बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा है। इसी नारे के सहारे शिव भक्त  कांवड़ियां जल ले कर अपने आराध्य देव तक पहुंच जाते हैं।

बोल बम

हम बात कर रहे हैं शिवभक्त कांवड़ियों की जिन्हें के पूरे वर्ष में सावन मास का इंतजार रहता है कि कब सावन आए और वह जल लेकर आराध्य देव शिव को अर्पण करने जाएं।

मिर्जापुर में भी नगर के बरिया घाट पर कांवरियों का हुजूम उमड़ पड़ता है । यही पर कांवरिया गंगा में स्नान कर अपनी कावर सजाते है इनमें  बच्चे  ,  जवान और महिलाएं सभी शामिल रहती हैं। सोनभद्र के घोरावल में स्थित शिवद्वार की और कांवड़ सजाने के पश्चात अपने आराध्य देव का ध्यान कर कांवड़ियां का सैलाब निकल पड़ता  हैं।

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भोले के भक्त 65 किलोमीटर की यात्रा पैदल ही नंगे पांव चलकर पूरी करते हैं। कांवड़ यात्रा की एक विशेषता यह भी है की इस यात्रा में शामिल सभी लोगों के नाम के बाद एक शब्द ज्यादा बढ़ जाता है। सभी एक दूसरे को राम बम,  श्याम बम , सोनू बम के नामों से पुकारते हैं। शिवद्वार पहुंचने पर सभी कांवड़ियां अपने आराध्य देव को गंगा जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं ।

उनका क्रम लगातार कई वर्षों से चलता चला रहा है उनका मानना है कि जल चढ़ाने से भगवान अपने भक्तों पर का ख्याल रखते हैं और उन पर कभी कोई आच नहीं आने देते हैं।

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