उत्तर कोरिया के खिलाफ एक हुए विरोधी, तीन देशों ने तानी हाईटेक मिसाइलें

सियोल| दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका ने मंगलवार को एक संयुक्त मिसाइल चेतावनी अभ्यास की शुरुआत की। यह अभ्यास उत्तर कोरिया द्वारा हमले किए जाने की स्थिति में मिसाइलों का पता लगाकर उन्हें नष्ट करने में उनकी क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह दो दिवसीय त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास कवच युद्ध प्रणाली से सुसज्जित चार जहाजों के साथ दक्षिण कोरिया और जापान के तटीय क्षेत्र पर शुरू किया गया है।

उत्तर कोरिया पर शिकंजा

बयान के हवाले से एफे समाचार ने कहा है कि यह युद्धाभ्यास उत्तर कोरिया से मिल रही लगातार परमाणु और मिसाइल हमले की धमकी के बाद तैयारियों का जायजा लेने के लिए किया गया है। साथ ही यह अक्टूबर 2016 में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच हुई 48वीं सुरक्षा सलाहकार बैठक के दौरान हुए समझौते का भी हिस्सा है।

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जेसीएस का कहना है कि अभ्यास के दौरान तैनात किए गए चार जहाजों में से वास्तव में किसी भी मिसाइल को दागा नहीं गया है। इन्हें केवल इसलिए तैनात किया गया है, ताकि कंप्यूटर सिम्युलेटेड मिसाइलों का पता लगाया जा सके और उन्हें ट्रेक किया जा सके।

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तीनों देशों के बीच जून 2016 में पहले अभ्यास के बाद यह पांचवां मौका है, जब तीनों देश मिलकर संयुक्त मिसाइल चेतावनी अभ्यास कर रहे हैं।

यह मिसाइल चेतावनी अभ्यास उस वक्त हो रहा है, जब इस साल प्योंगयांग द्वारा हथियारों के श्रृंखलाबद्ध परीक्षणों के कारण पेनिनसुला क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर है। जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए धमकी भरे लहजे में कहा था कि अमेरिका उत्तर कोरिया को पूरी तरीके से तबाह कर देगा।

यह क्षेत्रीय तनाव प्योंगयांग द्वारा 15 सितंबर को जापान के ऊपर से दागी गई नवीनतम मिसाइल के बाद से अचानक बढ़ गया है।

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