इंग्लैंड के प्रिंस एडवर्ड-VII के स्वागत में बनाया गया था यह खूबसूरत किला

भारत के मध्य में बसा मध्य प्रदेश राज्य बहुत ही खूबसूरत राज्य है। यह राज्य अपनी सांस्कृति और परंपरा के लिए देश ही नहीं विदेश में भी जाना जाता है। यहां मौजूद प्राचीन धरोहर, मंदिर, वन संपदा, नदी, घाटी झरने इस भूखंड को पर्यटन के लिहाज से एक आदर्श स्थल बनाने का काम करते हैं।पर्यटन के लिहाज से यह स्थल बेहद ही खास स्थल है। यह स्थान जीव जन्तुओं के लिए भी बहुत खास माना जाता है। प्राकृतिक और ऐतिहासिक खूबसूरती के साथ-साथ यहां पर एक प्राचीन जय विलास किला भी है। आज हम आपको इस किले के बारे में ही बताने जा रहे हैं।

जय विलास किला

कब बनाया गया यह किला

इस जय विकास महल का निर्माण सन 1874 में कराया गया था। इस किले का निर्माण जीवीजी राव सिंधियों ने अपने शासन काल में कराया था। इस महल का डिजाइन लेफ्टिनेंट कर्नर सर माइकल फिलोज ने खुद करवाया था। इस महल के निर्माण में तीन शैलियों का प्रयोग किया गया है। वह तीन शैली है ब्रिटिश, भारतीय और इतावली शैली। यह महल पर्यटकों को अपनी ओर खींचने का काम करता है।

जय विलास किला

अरबो रूपए का महल

यह एक विशाल महल है, जो 1,240,771 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। माना जाता है कि जिस वक्त इस महल का निर्माण किया गया था, तब इसकी कीमत 1 करोड़ थी, लेकिन आज इस विशाल और आकर्षक महल की कीमत अरबों में है।

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महल की सजावट

इस महल में एक बहुत ही विशाल झूमर लगा हुआ है। इस झूमर का वजन 3500 किलो है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि इस किले में लगा यह झूमर लगाने के लिए हाथियों की मदद लेनी पड़ी थी। इंजीनियरों ने छत पर 10 हाथियों को 7 दिनों तक खड़ा करके रखा था।

जय विलास किला

चांदी की ट्रेन

इस विशाल महल का एक खूबसूरत कोना यहां का बड़ा डाइनिंग हॉल है, जिसमें एक बार में कई लोग बैठ कर खाना खा सकते हैं। इस इाडिनिंग हॉल का मुख्य आकर्षण चांदी की ट्रेन है, जिसका इस्तेमाल महमानों को भोजन परोसने के लिए किया जाता था। यह ट्रेन खाने के साथ-साथ मेहमानों का मनोरंजन भी करती थी। आज भी इस ट्रेन को यहां देखा जा सकता है।

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म्यूजियम

इस महल के कुछ हिस्से में एक खास म्यूजियम भी बना है। यहां पर कुल 400 कमरें थे अब इनमें से 40 कमरों को म्यूजियम का रूप दे दिया गया है। बाकी हिस्से में आज भी सिंधिया परिवार रहता है। यह म्यूजियम बुधवार के दिन बंद रहता है। बाकी दिनों यह सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुला रहता है।यहां पर एक संग्रहालय भी है जहां पर बेशकीमती वस्तुएं भी है जिन्हें आप निहार सकते हैं साथ ही उनके मतलब को भी समझ सकते हैं।

जय विलास किला

 

 

 

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