… तो यह कारण है जन्म के साथ ही बच्चें के शरीर पर बर्थमाक्स का

 

जब भी बच्चा जन्म लेता है तो उसके अंदर उसके माता – पिता के दाव-भाव आ ही जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि जैसा माता – पिता करते हैं ठीक वैसा ही उनके बच्चे भी करते हैं। कई बार बच्चे के शरीर पर बर्थमार्क्स जन्म से ही होते हैं, को कुछ के जन्म के कुछ दिनों के बाद। बच्चों की त्वचा पर बर्थमार्क्स आनुवांशिकता की वजह से भी होते हैं। बर्थमार्क्स कई तरह के होते हैं। यह आपकी स्किन के रंग और अलग ही आकार के होते हैं। जिससे आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं मिलेगा। कुछ बर्थमार्क्स समय के साथ चले होते हैं तो बच्चे की ग्रोथ के साथ बढ़ जाते हैं। इन्हें ट्रीटमेंट की मदद से हटाया जा सकता है।

बर्थमाक्स

हेमानजियोमास

हेमानजियोमास भी एक निशान की तरह ही होता है। जो शरीर पर एक तिल की तरह काम करता है। यह स्किन की ऊपरी सतह पर जितने होते हैं जितना कि निचली सतह पर भी होते हैं। यह ज्यादातर लाल रंग के होते ही हैं। बच्चे की ग्रोथ के लिए यह निशान भी बढ़ते हैं।

बर्थमार्क्स

पोस्ट वाइन स्टेन

पोस्ट वाइन स्टेन निशान त्वचा पर रेड वाइन गिर जाने जैसे दिखता है। यह निशान त्वचा की अंदरुनी सतह पर रक्त कोशिकाओं की असामान्य ब्लीडिंग की वजह से होते हैं। बच्चे की ग्रोथ के साथ यह बर्थमार्क्स बढ़ते जाते हैं। यह चेहरे, गर्दन, हाथ या पैर कहीं पर भी हो सकते हैं।

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मोनगोलिएन स्पॉट

यह बर्थमार्क्स को आसानी से पहचाना जा सकता है। यह निशान हल्के नीले रंग के होते हैं। इन पैचेज ज्यादातर कमर या कूल्हों पर होते हैं। यह समय के साथ हट भी जाते हैं।

मैकुलर स्टेन

इस तरह के बर्थमार्क्स को आप आसानी से पहचान सकते हैं। यह निशान बच्चे के माथे, नाक, गर्दन के पिछले हिस्से पर हो सकते हैं। ऐसा भी माना जाता है इस तरह के बर्थमार्क्स कोशिकाओं के फैलाव के कारण ही होते हैं। कुछ बर्थमार्क्स जीवन भर बने ही रहते हैं।

 

 

 

 

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