शिव नगरी में दिखा असली हिंदुस्तान, सभी धर्मों के लोगों को है सिर्फ इंसानियत का ज्ञान

रिपोर्ट- काशीनाथ शुक्ला

वाराणसी। काशी ऐसी जगह है जहां आपको उदाहरण मिलते हैं दुनिया की अलग-अलग सभ्यताओं के, और शायद इसीलिए जब कुछ लोग हिंदुस्तान के अलग-अलग कोनों में हिंदू और मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं तो वहीं काशी ही एक ऐसा शहर है जहां हिंदू और मुस्लिम कौमी एकता का उदाहरण देते नजर आते हैं।

durga pooja

ऐसा ही एक उदाहरण है बनारस के हुकूलगंज में जहां हर साल दुर्गा पूजा में एक पंडाल सजता है। इस पंडाल की खास बात है कि इसको जिन हाथों से सजाया जाता है और मां की मूर्ति को जिन हाथों से स्थापित और विसर्जित किया जाता है वह हाथ पूजा के लिए जुड़ने वाले नहीं बल्कि दुआ में उठने वाले हैं।

बनारस के हुकूलगंज इलाके में दुर्गा पूजा पर एक पंडाल लगाया जाता है जिसके अध्यक्ष मुसलमान हैं। इस पंडाल में दर्शन करने सिर्फ हिंदू ही नहीं आते बल्कि अल्लाह के बंदे भी मां दुर्गा के आगे नतमस्तक होते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान लगने वाले इस पंडाल को सजाने से लेकर, इसमें मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करना, उसकी रोजाना देखरेख करना, पूजा की सभी तैयारियां करना।

इतना ही नहीं पंडाल में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ ना हो इस बात का भी ख्याल रखना, माता की पूजा के लिए सभी सामग्री का इंतजाम और अंत में मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन, इन सब की जिम्मेदारी है आशिक कुरेशी नाम के उस इंसान पर जो हर साल मां दुर्गा की आराधना के लिए दुर्गा पूजा में यह नहीं देखता कि वह किस धर्म का है और अल्लाह और भगवान में फर्क कैसे किया जाता है इस बात का भी उसको कोई ज्ञान नहीं।

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कुरैशी बताते हैं की हुकूलगंज में जाति और धर्म के नाम पर लोगों को उन्होंने कभी बंटवारा करते नहीं देखा। जितने मन से हिंदू यहां कव्वाली के आयोजनों में आकर बैठते हैं, उतने ही दिल से मुसलमान भी दुर्गा पंडाल में आकर मां के आगे हाथ जोड़ते हैं। हिंदू और मुसलमान के बीच कभी भी अल्लाह और भगवान का फर्क बनारस के इस इलाके में होता नहीं देखा है। मां दुर्गा के पंडाल की एक खास बात और है। यह पंडाल खुद दुर्गा मंदिर के सामने लगाया जाता है और पंडाल और मंदिर दोनों की ही दुर्गा मूर्तियां एक दूसरे के सामने दिखती हैं। श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकने भी आते हैं और वहां से निकलकर पंडाल में दुर्गा पूजा का आनंद भी उठाते हैं। बनारस का यह अनोखा पंडाल कौमी एकता का नजारा तो देता ही है साथ ही मां दुर्गा का भरपूर आशीर्वाद भी यहां से भक्तों को मिलता है।

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